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सहानुभूति और समझ के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा, सचिव डीएलएसए ने किया संबोधन

देहरादून: उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल एवं माननीय जिला न्यायाधीश, देहरादून श्री प्रेम सिंह खिमाल जी के निर्देशानुसार आज दिनांक 10 अक्टूबर 2025 को राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, सेलाकुई, देहरादून में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर एक विशेष मानसिक स्वास्थ्य दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून श्रीमती सीमा डुँगराकोटी भी उपस्थित रहीं और उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर विस्तार से चर्चा की।

सचिव श्रीमती डुँगराकोटी ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य की तरह ही अत्यंत आवश्यक है, लेकिन अक्सर इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि आज की तेज़ रफ्तार जीवनशैली, लगातार बढ़ती प्रतिस्पर्धा और जीवन की भागदौड़ के कारण लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप बहुत से लोग तनाव, अवसाद और चिंता जैसी मानसिक बीमारियों से जूझ रहे हैं। ऐसे समय में उन्हें सहानुभूति, समझ और समय पर उचित इलाज की आवश्यकता होती है।

उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील की कि हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम मानसिक स्वास्थ्य के विषय में खुलकर बात करेंगे और इसे छुपाएंगे नहीं। किसी को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़कर अकेला महसूस नहीं होने देना चाहिए। हमें अपने और दूसरों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए और किसी भी तरह की मानसिक परेशानी को गंभीरता से लेना चाहिए। सचिव ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य ही व्यक्ति की असली ताकत है और इसके महत्व को नजरअंदाज करना किसी भी व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

कार्यक्रम के दौरान राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के रोगियों ने भी सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जिसमें गीत, नृत्य और अभिनय के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य और जीवन की सकारात्मकता का संदेश दिया गया। उनके प्रदर्शन को सभी ने सराहनीय और प्रेरणादायक बताया। इसके अतिरिक्त, बुरांश संस्था की टीम ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जनता को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया। इस नुक्कड़ नाटक में यह दर्शाया गया कि मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी किस प्रकार गंभीर परिणाम ला सकती है और समाज में इसे समझने व सहायक बनने की आवश्यकता क्यों है।

समारोह में उपस्थित लोगों ने इस अवसर का पूरा लाभ उठाया और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर गंभीरता से विचार किया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम न केवल समाज में जागरूकता फैलाते हैं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी भ्रांतियों और कलंक को भी दूर करने में मदद करते हैं। आयोजन के समापन पर सभी ने यह संकल्प लिया कि वे मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सजग रहेंगे, अपने परिवार और समाज में इसके महत्व को समझाएंगे और जरूरत पड़ने पर दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे। इस प्रकार यह कार्यक्रम न केवल एक जागरूकता अभियान था, बल्कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण और सहयोग की भावना को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

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