Fri. Nov 22nd, 2024

आपदा पर नजर रखने के लिए वीडियों कान्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों को दिये निर्देश

देहरादून: मानसून का सीजन शुरू हो चुका है वैसे भी देवभूमि उत्तराखण्ड काफी संवेदनशील राज्य है। ऐसे में सीएम धामी ने आज सचिवालय में आपदा प्रबंधन की समीक्षा करते हुए कहा कि रेस्पोंस टाईम कम से कम होना चाहिए। आपदा की स्थिति में राहत व बचाव कार्य फौरी तौर पर शुरू हो जाने चाहिए। सीएम धामी ने अधिकारियों को आपदा से संबंधित किसी भी चुनौती से निपटने के लिए हमेशा अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अगले तीन माह महत्वपूर्ण हैं। आपदा की चुनौतियों से निपटने के लिए जिलाधिकारी अधिकांश निर्णय अपने स्तर पर लें।

जिन समस्याओं का समाधान जिलास्तर पर नहीं हो पा रहा है उन्हें ही शासन तक भेजा जाय।उन्होंने सभी विभागों को समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिये।सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। आपदा के दृष्टिगत अगले तीन माह अधिकारियों की छुट्टी विशेष परिस्थिति में ही स्वीकृत की जाए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जिलों में आपदा प्रबंधन के लिए जो धनराशि दी जा रही है उसका आपदा मानकों के हिसाब से अधिकतम उपयोग हो और यह सुनिश्चित किया जाए कि आपदा प्रभावितों को आपदा मानकों के हिसाब से मुआवजा यथाशीघ्र मिले। बारिश या भूस्खलन से सड़क, बिजली, पानी की आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में कम से कम समय में आपूर्ति सुचारू की जाय। यह सुनिश्चित किया जाए कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों में जेसीबी की पर्याप्त व्यवस्था हो एवं उनके ट्रैकिंग सिस्टम की व्यवस्था की जाए।

सभी सैटेलाईट फोन चालू अवस्था में रहें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के पर्वतीय जनपदों एवं आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों के लिए खाद्य सामग्री, आवश्यक दवाओं एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की पूर्ण व्यवस्था रखी जाए। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर एसडीआरएफ की टीमें बढ़ायी जाए उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन जनपदों में ड्रेनेज सिस्टम की समस्याएं हैं, ड्रेनेज प्लान शीघ्र भेजें। साथ ही जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि शासन स्तर पर जो बैठकें होती हैं उससे पूर्व संबंधित विषयों पर जिलाधिकारी सभी विभागों की बैठक करें ताकि शासन स्तर पर होने वाली बैठक में जिला स्तर पर आने वाली सभी परेशानियों को रखा जा सके। धामी ने कहा कि आपदा प्रबंधन के साथ ही चारधाम यात्रा एवं कांवड़ यात्रा भी महत्वपूर्ण है, इस वर्ष चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ी है।

मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा से जुड़े जनपदों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि चारधाम यात्रा सुव्यवस्थित चले। कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी हरिद्वार, देहरादून, टिहरी एवं पौड़ी को पुलिस के साथ निरन्तर समन्वय बनाने के निर्देश दिये।बैठक में मुख्य सचिव डॉ0 एस0एस0संधु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर0के0सुधांशु, डीजीपी श्री अशोक कुमार, प्रमुख वन संरक्षक श्री विनोद कुमार सिंघल, सचिव श्री आर0 मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, डॉ0 रंजीत सिन्हा, श्री नितेश झा, श्री रविनाथ रमन, डॉ0 वी0बी0आर0सी0 पुरूषोत्तम, श्री दिलीप जावलकर, संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, वर्चुअल माध्यम से कमिश्नर गढ़वाल श्री सुशील कुमार, कमिश्नर कुमांऊ श्री दीपक रावत, डीआईजी कुमांऊ डॉ0 नीलेश आनंद भरणे, सभी जिलाधिकारी, एस0एस0पी एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *