Sat. Nov 23rd, 2024

उपराष्ट्रपति चुनावः पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ होंगे एनडीए उम्मीदवार

नई दिल्ली। भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन (एनडीए) ने अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का एलान कर दिया है। एनडीए की तरफ से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं विपक्ष भी आज अपने उम्मीदवार के नाम का एलान कर सकता है। विपक्षी पार्टियों ने आज इसके लिए एक अहम बैठक बुलाई है। अब देखने वाली बात यह होगी कि धनखड़ को टक्कर देने के लिए विपक्ष किसे उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाता है। हालांकि कांग्रेस ने पहले ही साफ कर दिया है वह अपनी पार्टी से उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार का नाम नहीं देगी। वहीं इस बैठक में संसद के मानसून सत्र में सरकार द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों-बिलों पर भी चर्चा की जा सकती है।
राज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने दो दिन पहले ही बैठक की जानकारी दे दी थी। खड़गे ने कहा था कि कई नाम सामने हैं लेकिन जिस नेता पर सबकी सहमति बनेगी उसे ही उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाएगा। बता दें कि संसद का सत्र कल से शुरू होने वाला है। इसके लिए लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों की अलग-अलग सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई है। सर्वदलीय बैठक के बाद ही विपक्षी दलों के नेताओं की संसद परिसर में बैठक होगी और उसमें नाम तय किया जाएगा। बता दें कि मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। चुनाव आयोग द्वारा पहले ही चुनाव को अधिसूचित किया जा चुका है और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 19 जुलाई है। उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव छह अगस्त को होगा।
धनखड़ को उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने बड़ा सियासी दांव खेला है। धनखड़ जुलाई 2019 में बंगाल के राज्यपाल बने। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनका लगातार टकराव होता रहा। दोनों के बीच तल्खी इस कदर बढ़ चुकी थी कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को ट्विटर पर ब्लॉक कर दिया था। जुलाई 2019 में राज्यपाल बनने के बाद उसी साल दिसंबर में जाधवपुर यूनिवर्सिटी के बाहर छात्रों ने धनखड़ को रोककर काले झंडे दिखाए थे। इसके बाद से धनखड़ बंगाल की कानून व्यवस्था और वहां की सरकार की भूमिका को लेकर काफी मुखर रहे। वह सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट्स के जरिए यह लिखते रहे कि राज्यपाल के अधिकार क्या कहते हैं और किस तरह मुख्यमंत्री राज्यपाल को जानकारी देने के लिए बाध्य हैं।
धनखड़ ने बंगाल में हुई राजनीतिक हिंसा के संदर्भ में एक बार यह भी कहा कि राज्य किस तरह लोकतंत्र का गैस चौम्बर बनता जा रहा है और वहां मानवाधिकार संकट में हैं। धनखड़ ने जब कहा कि मुख्यमंत्री ने कई मौकों पर उनकी तरफ से मांगी गई जानकारी नहीं दी और यहां तक कि विधानसभा में उनके संबोधन को दो बार ब्लैक आउट कर दिया तो नाराज ममता ने उन्हें ट्विटर पर ही ब्लॉक कर दिया। 2022 तक आते-आते ममता और धनखड़ के बीच रिश्तों में इतनी तल्खी आ गई कि राज्य सरकार यह विधेयक ले आई कि राज्य के विश्वविद्यालयों का चांसलर अब राज्यपाल नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री रहेगा। धनखड़ राजस्थान के रहने वाले हैं, किसान परिवार से हैं और जाट समुदाय से आते हैं। मोदी सरकार के खिलाफ किसान आंदोलन में जाट किसान भी बड़ी तादाद में शामिल थे। इसके अलावा राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट वोटरों और किसानों की संख्या अच्छी-खासी है। कई निर्वाचन क्षेत्रों में जाट वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। राजस्थान में तो अगले साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं। गौर करने वाली बात यह है कि धनखड़ की उम्मीदवारी का एलान करते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें किसान पुत्र कहकर संबोधित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *