कविता – प्यारा-प्यारा हिन्दुस्तान
कृतिका द्विवेदी कृति //
ये मेरा हिन्दुस्तान,प्यारा-प्यारा हिन्दुस्तान,
पत्थर भी यहां पूजे जाते दिल में बसते हैं भगवान
ये मेरा हिन्दुस्तान ,प्यारा-प्यारा हिन्दुस्तान।
गंगा,यमुना और माँ सरस्वती यहां बहती हैं
जन्म भूमि यह वीरों की यही कहानी कहती हैं।
सिर का ताज हिमालय जिसकी ऊंची शान
ये मेरा हिन्दुस्तान,प्यारा-प्यारा हिन्दुस्तान।
धन्य धरा यह जहां ऋषि मुनियों ने अवतार लिया
उपदेश दिया प्रभू भक्ति का सबको ही प्यार दिया।
हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई हैं यहां सब एक समान
ये मेरा हिन्दुस्तान,प्यारा-प्यारा हिन्दुस्तान।
मातृभूमि की रक्षा हेतु वीरों ने दिया बलिदान
दांत किए दुश्मन के खट्टे हुआ विश्व में ऊंचा नाम
चूम गए फांसी के फंदे को भारत की संतान
ये मेरा हिन्दुस्तान,प्यारा-प्यारा हिन्दुस्तान।
गौरवमयी तिरंगा आसमान में लहराता है
सब पुत्र हैं माता भारत के,भारत माँ सबकी माता है।
हैं एक जान हम भारत की भारत हम सब की जान
ये मेरा हिन्दुस्तान,प्यारा-प्यारा हिन्दुस्तान।
सीधी मध्य प्रदेश।