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ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण की गर्मी से बढ़ा विधानसभा का सियासी तापमान

देहरादून: अपने युवा अवस्था में पहुंच चुके उत्तराखण्ड में ज्वलंत मुद्दों की गठरी बहुत भारी हो चुकी है जिसके समाधान के लिए हर एक मुख्यमंत्री ने आश्वासन का सब्ज बाग तो दिखाया है लेकिन दृढ़ इच्छााशक्ति की इन राजनेताओं में कमी ही दिखी है। आपको बता दें कि उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के वक्त सबसे बड़ा मुद्दा स्थायी राजधानी गैरसैंण था।

राज्य बनने के बाद गैरसैंण का मुद्दा साल दर साल हवा में ही घूमता रहा। लेकिन गैरसैंण स्थाई राजधानी नही बन पाई और न ही देहरादून के माथे से अस्थाई राजधानी का दाग ही मिट पाया। बहरहाल गैासैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी का टैग लगाकर ये खिाने की कोशिश करी गई वो इस दिशा में पूरी तौर से गम्भीर हैं।

लेकिन 22 साल बाद भी मुद्दा-ए-गैरसैंण हवा में तैर रहा है। अब चूंकि उत्तराखण्ड विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो चुका है ऐसे में सत्र के पहले दिन कांग्रेसियों ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला उन्होंने विरोध-प्रदर्शन करने के साथ ये मांग करी कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में ही ग्रीष्मकालीन सत्र हो।

पहले दिन ही कांग्रेस आक्रामक तेवरों के साथ दिखी लिहाजा सत्र के दौरान भाजपा सरकार पर कांग्रेस ने जमकर हमला बोला । और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य सहित सभी कांग्रेसी धरने पर बैठ गए।
उन्होंने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा सरकार विकास के नाम पर कुछ नहीं कर रही है। विदित हो कि बजट सत्र के पहले दिन शाम चार बजे वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सदन में बजट पेश करेंगे।

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