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मंकीपाक्स के मामलों पर रखे कड़ी नजर, यूरोप और अमेरिका के लोग हो रहे संक्रमित: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री

नई दिल्ली। कुछ देशों में मंकीपाक्स के मामले सामने आने के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (National Centre for Disease Control) और आइसीएमआर (ICMR) को स्थिति पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हवाईअड्डे और बंदरगाह के स्वास्थ्य अधिकारियों को भी सतर्क रहने का निर्देश दिया है।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि मंकीपाक्स प्रभावित देशों की यात्रा के इतिहास वाले किसी भी बीमार यात्री को अलग कर दिया जाए और नमूने जांच के लिए पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी की बीएसएल4 फैसिलिटी को भेजे जाएं।
उन्होंने कहा, “केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने गुरुवार को राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और आईसीएमआर को भारत में स्थिति पर कड़ी नजर रखने और निगरानी करने का निर्देश दिया।” यूके, यूएसए, पुर्तगाल, स्पेन और कुछ अन्य यूरोपीय देशों से मंकीपाक्स के मामले सामने आए हैं। बता दें कि मनुष्यों में, मंकीपाक्स के लक्षण चेचक के समान लेकिन हल्के होते हैं।
डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार, मंकीपाक्स आमतौर पर बुखार, चकत्ते और सूजी हुई लिम्फ नोड्स के साथ मनुष्यों में प्रकट होता है और इससे कई प्रकार की चिकित्सा जटिलताएं हो सकती हैं। यह भी गंभीर हो सकता है, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि हाल के दिनों में इस मामला में मृत्यु अनुपात लगभग 3-6 प्रतिशत रहा है।

जानिए कैसे फैलती है यह बीमारी

मंकीपाक्स वायरस घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और बिस्तर जैसी दूषित सामग्री के निकट संपर्क से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि मंकीपाक्स की नैदानिक ​​​​प्रस्तुति चेचक से मिलती जुलती है। विश्व स्वास्थ्य निकाय का कहना है कि बीमारी का संचरण मां से भ्रूण (जिससे जन्मजात मंकीपाक्स हो सकता है) या जन्म के दौरान और बाद में निकट संपर्क के माध्यम से भी हो सकता है।

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