हरिद्वार ग्रामीण सीट पर भाजपा मुश्किल में, क्षेत्र की बेटी बन गयी अनुपमा
हरिद्वार। उत्तराखंड राज्य में आज होने वाले मतदान में मतदाता यह तय करेगा कि राज्य में इस बार कांग्रेस की सरकार बनेगी या भाजपा पुनः सत्ता पर काबिज होगी। लेकिन जनता इस समय शायद बदलाव चाहती है वह मौन है। अगर हम हरिद्वार जनपद की ग्रामीण विधानसभा सीट की बात करें तो इस सीट पर कांग्रेस का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है क्योंकि इसका मुख्य कारण यह भी हो सकता है कि इस सीट पर क्षेत्र की जनता ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को हरा दिया था जनता में इसका पश्चाताप साफ दिखाई दे रहा है। कांग्रेस ने इस बार हरीश रावत की पुत्री अनुपमा रावत को अपना प्रत्याशी बनाया है।
अनुपमा रावत को क्षेत्र की जनता एक बेटी के रूप में देख रही है और भाजपा उन्हें एक कमजोर प्रत्याशी समझने की भूल कर रही है। अनुपमा रावत को क्षेत्र की जनता ने अपना भरपूर प्यार दिया है। अनुपमा अपनी जीत को लेकर निश्चित है। वहीं दूसरी और भाजपा उन्हें कमजोर प्रत्याशी के रूप में तो देख ही रही थी साथ ही वह अपने प्रचार के दौरान अनुपमा पर कम बल्कि हरिश रावत को ज्यादा निशाना बनाती रही। जिसका सीधा लाभ अनुपमा रावत को मिलता नजर आ रहा है। उत्तराखंड को मातृशक्ति का राज्य कहा जाता है और भाजपा अनुपमा को कमजोर प्रत्याशी समझ मातृशक्ति के अपमान में लगी हुई है। क्षेत्र की महिलाओं का रुझान अनुपमा की ओर है, क्योंकि माहिलाएँ महँगाई, रसाई गैस की कीमतें, दाल,दलहन, तिलहन के महँगा होने का दोषी भाजपा को मान रही है। अनुपमा रावत ने अपने प्रचार-प्रसार के दौरान महँगाई व क्षेत्र के विकास को ही मुद्दा बनाया। जबकि भाजपा धर्म, जाति, भाषा व पूर्व मुख्यमंत्री पर ही आरोप लगाने में ही लगी रही। कांग्रेस ने इस सीट पर अपनी हुई हार से सबक लेते हुए उन अगड़े-पिछड़े लोगों को साथ में मिलाया जो चुनाव का समीकरण बदलते हैं। अनुपमा ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान बहुत ही शांत स्वभाव से काम लिया और भाजपा पर कटाक्ष व आरोप लगाने से बचती नजर आई, बल्कि उन्होंने जनता से ही सीधे सवाल किए कि भाजपा की डबल इंजन सरकार क्षेत्र को क्या दे पाई। अब यह तो भविष्य के गर्भ में ही है कि ऊंट किस करवट बैठेगा परंतु इस बार इस सीट पर कांग्रेस की जीत निश्चित लग रही है।