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कांग्रेस ने पीएम के दौरे को बताया निराशाजनक, हरीश रावत बोले; कांग्रेस के कराए विकास कार्यों का लोकार्पण कर लूट रहे वाहवाही

अभिज्ञान समाचार/हरिद्वार/देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ आगमन के पश्चात राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री के दौरे को अहंकार बताया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के समय के विकास कार्यों का लोकार्पण कर भाजपा व प्रधानमंत्री वाहवाही लूट रहे हैं। मामला यहीं नहीं थमा उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी प्रधानमंत्री के दौरे को विफल बताया। उन्होंने कहा कि उम्मीद थी की प्रधानमंत्री हाल ही में आई आपदा के प्रभावितों को दी जाने वाली सहायता सहित अन्य मुद्दों पर महत्वपूर्ण घोषणा करेंगे लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हरिद्वार में कांग्रेस के शिव जलाभिषेक कार्यक्रम की शुरुआत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि कांग्रेस का यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सद्बुद्धि की कामना के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि भगवान के दर्शन को देश और विश्व में प्रसारित कर पीएम ने अपना अहंकार दिखाया है। देश इस समय पेट्रोल-डीजल के बढ़े हुए दाम, महंगाई, बेरोजगारी आदि से त्रस्त है। लेकिन केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। उन्होंने कहा कि अब जनता भाजपा के बहकावे में नहीं आएगी। बहरहाल कांग्रेस लगातार भाजपा व राज्य सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेर रही है। इसी का नतीजा था कि कांग्रेस ने भी पीएम मोदी के दौरे के दिन से ही हर जिले में 12-12 शिवालयों में जाकर जलाभिषेक करने का कार्यक्रम रखा।

“प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड को कोई राहत न देकर मायूस किया है। देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के लिए चल रहे तीर्थ-पुरोहितों व हक-हकूकधारियों के आंदोलन पर पीएम एक शब्द नहीं बोले। मैं उनके इस दौरे को एक आत्ममुग्ध शासक द्वारा हमारे आराध्यस्थल का अपने राजनीतिक फायदे के लिए किए गए प्रयोग से ज्यादा कुछ नहीं मानता हूं।” – गणेश गोदियाल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष।

“पीएम मोदी का केदारनाथ दौरा विशुद्ध रूप से राजनीतिक था। प्रदेश में गत माह इतनी बड़ी आपदा आई। गृहमंत्री अमित शाह दो बार आए। आज प्रधानमंत्री भी आकर चले गए। लेकिन राज्य को आपदा से उबरने के लिए कोई पैकेज की घोषणा नहीं की। यह दुभार्ग्यपूर्ण स्थिति है। वर्ष 2013 में जब केदारनाथ आपदा आई थी, तब यूपीए की मनमोहन सरकार ने 8 हजार करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया था।” – प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष (कांग्रेस)

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