जमरानी परियोजना को वृहत सिंचाई के अन्तर्गत स्वीकृति प्रदान करने का किया अनुरोध
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से शिष्टाचार भेंट की।
मुख्यमंत्री ने जमरानी बाँध परियोजना पर शीघ्र कार्य प्रारम्भ कराये जाने के लिए प्रस्तावित परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वृहत सिंचाई) के अन्तर्गत स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। साथ ही 300 मेगावाट की बावला नन्दप्रयाग जल विद्युत परियोजना के क्रियान्वयन की शीघ्र स्वीकृति प्रदान किये जाने का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने किसाऊ परियोजना के एमओयू में कुछ प्रावधानों को शामिल करने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि उत्तराखण्ड राज्य की महत्वाकांक्षी जमरानी बांध बहुउददेशीय परियोजना के तहत जनपद नैनीताल में गौला नदी पर हल्द्वानी शहर से 10 कि०मी० अपस्ट्रीम में नदी तल से 130.60 मी० ऊंचा कंक्रीट ग्रेविटी बाँध निर्मित किया जाना है। बाँध के निर्माण से उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्य के 150027 हेक्टेयर कमाण्ड में 57065 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन होगा तथा हल्द्वानी शहर एवं उसके समीपवर्ती क्षेत्र की पेयजल आवश्यकता की पूर्ति हेतु 117 मिलियन लीटर प्रतिदिन जल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिनांक 10.06.2022 को सचिव जल शक्ति मंत्रालय की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जमरानी बांध परियोजना का निवेश स्वीकृति हेतु संस्तुति की गयी है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से जमरानी बांध परियोजना पर शीघ्र कार्य प्रारम्भ कराये जाने के लिए प्रस्तावित परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वृहत सिंचाई) के अन्तर्गत स्वीकृति प्रदान किये जाने हेतु संबंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के उपक्रम यूजेवीएन लि० की 300 मेगावाट की बावला नन्द प्रयाग जल विद्युत परियोजना हेतु भारत सरकार के केन्द्रीय जल आयोग एवं केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के विभिन्न निदेशालयों से स्वीकृति प्राप्त की जा चुकी है। इस परियोजना पर मा० उच्चतम न्यायालय द्वारा कोई प्रतिबन्ध नहीं लगाया गया है तथा किसी भी अन्य संस्थान यथा राष्ट्रीय गंगा विकास प्राधिकरण (एन०जी०आर०बी०ए०), वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति -2 इत्यादि द्वारा भी परियोजना पर कोई भी विपरीत टिप्पणी नहीं की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्युत मंत्रालय, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के मध्य अक्टूबर 2021 में बैठक हुई थी जिसमें गंगा एवं उसकी सहायक नदियों पर प्रस्तावित 10 जल विद्युत परियोजनाओं (बावला नन्द प्रयाग एवं अन्य 9 परियोजनाएं) जिन पर किसी भी प्रकार की रोक नहीं है उनको परियोजनावार आधार पर स्वीकृति प्राप्त किये जाने के लिए विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा यूजेवीएन लि० को जनवरी, 2022 में जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार से सम्पर्क किये जाने हेतु निर्देशित किया गया था। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से बावला नन्द प्रयाग जल विद्युत परियोजना के क्रियान्वयन की शीघ्र स्वीकृति का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने किसाऊ परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि उक्त परियोजना के क्रियान्वयन के लिए छः लाभार्थी राज्यों के मध्य समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित होना है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से किशाऊ बहुउद्देशीय परियोजना के कार्यान्वयन को गति प्रदान करने हेतु अंतर्राज्यीय समझौते में कुछ बिन्दुओं का समावेश करते हुए उक्त समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करवाने का अनुरोध किया।