Fri. Nov 22nd, 2024

दैनिक राशिफल से जुड़ी रोचक जानकारी जिन्हें आप जानना चाहेंगे

अभिज्ञान समाचार/देहरादून।

आजकल अधिकांश व्यक्ति प्रात:काल समाचार पत्र में सर्वप्रथम दैनिक राशिफल वाले स्तंभ में अपनी राशि का फलित देखकर अपने दिन का पूर्वानुमान लगाने में उत्सुक रहते हैं और शाम ढलते ही महसूस करते हैं कि उनकी राशि का जो फलित दैनिक राशिफल में बताया गया था, वह तो सटीक नही था। इसके बाद वे ज्योतिष शास्त्र को कोसने लगते हैं। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। आजकल जिस प्रकार दैनिक राशिफल बताया जाता है, वह आमतौर पर सही अर्थात सटीक नहीं होता। यही वजह है कि करीब-करीब 99 फीसदी दैनिक राशिफल का फलित असत्य निकलता है। जिन व्यक्तियों का फलित सही होता भी है तो, वह उनकी निजी जन्म पत्रिका की ग्रह स्थितियों, दशाओं व ग्रह-गोचर का परिणाम होता है।
आप निश्चित ही यह बात सुनकर चौंक जाएंगे। कुछ विद्वान इससे अपनी भिन्न राय भी रखेंगे किंतु हम यहां आपके विचार हेतु कुछ तथ्य प्रस्तुत करना चाहते हैं जिनके अध्ययन से आप स्वयं दैनिक राशिफल की प्रामाणिकता का अंदाजा लगा सकते हैं।
1. ग्रह गोचर-
ज्योतिष शास्त्र में फलित के लिए ग्रह स्थिति मुख्यरूपेण उत्तरदायी होती है, चाहे वह जन्म पत्रिका की ग्रह स्थिति हो या गोचर की। ज्योतिष के गोचर शास्त्र के अनुसार ग्रह गोचर अर्थात ग्रहों का राशि परिवर्तन प्रतिदिन नहीं होता। समस्त 9 ग्रहों के गोचर का अलग-अलग काल है जिनमें सूर्य, बुध, शुक्र लगभग 1 माह, मंगल 57 दिन, गुरु 1 वर्ष, राहु-केतु 1.5 (डेढ़) वर्ष, शनि ढाई (2.5) वर्ष में अपनी राशि परिवर्तन करते हैं।
अब बात करें चंद्रमा के गोचर की तो चंद्रमा भी सवा दो दिन में अपनी राशि परिवर्तन करते हैं। इसका आशय यह हुआ कि सवा दो दिनों तक तो ग्रह स्थितियों में परिवर्तन नहीं होगा। यदि किसी ग्रह का गोचर हुआ भी तो अगले दिन से लेकर पुन: 3 दिनों तक वही स्थिति रहेगी। जो ग्रह जिस राशि में स्थित है, उसी राशि में रहेगा तो ऐसे समान ग्रह स्थिति के आधार पर फलित प्रतिदिन कैसे परिवर्तित हो सकता है, आप स्वयं सोचिए!
2. जन्म पत्रिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण-
ज्योतिष शास्त्र में किसी जातक के फलित के लिए उसकी जन्म पत्रिका की लग्न कुंडली को सर्वाधिक महत्ता प्रदान की गई है तत्पश्चात नवमांश कुंडली, उसके बाद वर्ग कुंडली, फिर विंशोत्तरी दशाएं, उसके बाद योगिनी दशाएं और सबसे अंत में गोचर को मान्यता दी गई है। जब गोचर को ही फलित करते समय सबसे अंतिम पायदान पर रखा जाता है तो केवल चंद्र के गोचर व नक्षत्र से दैनिक राशिफल निकालना कहां तक उचित व प्रामाणिक है?
3. दैनिक राशिफल भी होता है-
अब उपर्युक्त आधार पर क्या यह मान लिया जाए कि ज्योतिष शास्त्र में दैनिक राशिफल होता ही नहीं है? नहीं, ऐसा कदापि नहीं है। दैनिक राशिफल भी ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत ही आता है किंतु वह प्रत्येक जातक का निजी होता है और उसका आधार प्रश्न कुंडली व नष्टजातकम् पद्धति होता है। उस दैनिक राशिफल के लिए व्यक्ति को ज्योतिषी से प्रश्न करना होता है कि ‘मेरा आज का दिन कैसा रहेगा?’ तब ज्योतिषी प्रश्न कुंडली के आधार पर अथवा उस व्यक्ति से कोई अंक पूछकर उसके दिन के बारे गणना कर उस दिन का भविष्य संकेत उसे देता है।
इस प्रकार का दैनिक राशिफल व्यक्तिगत होता है, न कि सार्वजनिक। अत: हमारे मतानुसार समाचार पत्रों व न्यूज चैनलों में प्रसारित-प्रकाशित होने वाले दैनिक राशिफल के फलित को गंभीरता से न लेते हुए अपनी जन्म पत्रिका की ग्रह स्थितियों, दशाओं व अपनी राशि गोचर पर अधिक विश्वास करना चाहिए। यदि किसी दिन के बारे में जानना बहुत आवश्यक हो तो किसी विद्वान दैवज्ञ से प्रश्न कर इस संबंध में निर्णय करना अधिक श्रेयस्कर व लाभदायक रहता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *