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पंच पूजा के बाद बंद होंगे बदरी धाम के कपाट, पौने दो लाख श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन

अभिज्ञान समाचार/ चमोली। आगामी 20 नवंबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद होंगे। हिमालय के चार धामों में बद्रीनाथ धाम के कपाट अंत में बंद किए जाते हैं। इस दिन 16 नवंबर से होने वाली पंच पूजा के बाद कपाट 20 नवंबर को वृष लग्न में शाम 6 बजकर 45 मिनट पर बंद किए जाएंगे। कपाट बंद होने से पहले भक्तगण भगवान बद्री के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में उनके धाम पहुंच रहे हैं। बद्रीधाम के कपाट खुलने के बाद से अब तक करीब पौने दो लाख यात्री भगवान बद्री के दर्शन कर चुके हैं।

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20 नवंबर के दिन भगवान बद्रीनाथ की पूजा अर्चना के साथ शाम को कपाट बंद कर दिए जाएंगे। इसके पश्चात भगवान नारायण के खजाने के साथ गरुड़ महाराज की प्रतिमा बद्रीनाथ धाम से जोशीमठ क्षेत्र नरसिंह मंदिर में लाई जाएगी। कपाट बंद होने के दूसरे दिन 21 नवंबर को भगवान बद्री के बाल सखा उद्धव जी, कुबेर जी और आदि शंकराचार्य की गद्दी की डोली रात में प्रवास के लिए पांडुकेश्वर पहुंचेगी। इसके साथ कुबेर जी अपने मंदिर और उद्धव जी को योग ध्यान बद्री मंदिर में विराजित किया जाएगा। अंत में आदि शंकराचार्य की गद्दी को लेकर रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदिरि 22 नवंबर को अपने शीतकालीन गद्दी स्थल नरसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेंगे।

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जानें पंच पूजा

16 नवंबर : पंचपूजा के पहले दिन भगवान गणेश की पूजा के साथ गणेश मंदिर के कपाट बंद होंगे।
17 नवंबर : दूसरे दिन आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट होंगे बंद।
18 नवंबर : खड़ग पुस्तक और वेद ऋचाओं का वाचन बंद किया जाएगा।
19 नवंबर : इस दिन भगवान बद्री नारायण के साथ गर्भ ग्रह में विराजमान किए जाने के लिए मां लक्ष्मी का आह्वान भी किया जाएगा।
20 नवंबर : बद्री धाम के कपाट बंद होंगे।

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