Fri. Apr 11th, 2025

मनसा देवी के दर्शन मात्र से पूर्ण होती है भक्तों की मन की इच्छा

अभिज्ञान समाचार/धर्म संस्कृति।

आलेख/प्रीती नेगी

देवभूमि में हजारों धार्मिक स्थल विराजमान है, यहां, देश विदेश के श्रद्धालु अपनी मनौती लेकर आते हैं। ऐसा ही एक मंदिर है, जो श्रद्धालुओं का आस्था का केन्द्र है और यहां माता के दर्शन को श्रद्धालुओं का रेला उमड़ता है। जी हां हम बात कर रहे हैं  52 शक्तिपीठों में से एक माता मनसा देवी की ।

यह प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हरिद्वार में  शिवालिक की पहाड़ियों पर स्थित है और श्रद्धालुओं के श्रद्धा एवम आस्था का केंद्र है। मनसा देवी को शाक्ति का एक रूप माना जाता है जो कि वासुकी नाग की बहन है। पौराणिक कथा के अनुसार माँ मनसा कश्यप ऋषि की पुत्री थी, जो उनके मन से अवतरित हुई थी, इसलिए उनका नाम मनसा पड़ा। कहा जाता है कि मनसा देवी और चण्डी देवी दोनों पार्वती के दो रूप है जो एक दूसरे के करीब रहते है।

ऐसा भी माना जाता है कि मनसा भगवान शंकर की मन से उभरी एक शक्ति है। इसलिए उन्हें शिवपुत्री भी कहा जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार मां मानसा की शादी जगत्कारू से हुई थी और इनके पुत्र का नाम आस्तिक था। माता मनसा  के इस मंदिर में देवी की दो मूर्तियां हैं। एक मूर्ति की पांच भुजाएं एवं तीन मुंह हैं,जबकि दूसरी मूर्ति की आठ भुजाएं हैं। यह मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है।  नाम के अनुसार मनसा माँ अपने भक्तों की मनसा (इच्छा) पूर्ण करने वाली देवी हैं। देश, विदेश के श्रद्धालुओं अपनी इच्छा पूर्ण कराने के लिए यहां आते हैं ।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *