राज्य कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय
देहरादून। राज्य कैबिनेट की बैठक में कई अहं निर्णय लिए गए हैं। सरकार ने राज्य में उद्योग लगाने के बाद भी सब्सिडी का लाभ न ले पाने वाले निवेशकों को बड़ी राहत दे दी है। उद्योग लगाने से पहले एमएसएमई में प्री रजिस्टेशन न होने की वजह से खड़ी हो रही बाधा को दूर करते हुए अब ऐसे निवेशकों को भी सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार शाम को कैबिनेट मीटिंग में यह फैसला लिया गया। राज्य में 2015 की एमएसएमई नीति के तहत कई उद्योग लगाए गए थे। इसमें से 100 के करीब निवेशक ऐसे थे जिन्होंने नीति के तहत उद्योगों की स्थापना की लेकिन एमएसएमई के तहत प्री रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए। ऐसे निवेशकों को उद्योग विभाग से सब्सिडी नहीं मिल पा रही थी।
इन निवेशकों की ओर से लगातार सरकार पर सब्सिडी के लिए दबाव बनाया जा रहा था। उद्योग विभाग की ओर से एमएसएमई नीति के तहत लगे इन उद्योगों को भी सब्सिडी देने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। जिस पर अब कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इससे राज्य में 100 के करीब निवेशकों को सब्सिडी का रास्ता साफ हो गया है। कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णयों में योजना आयोग, राजपत्रित संशोधन सेवा से सम्बन्धित दो नियमावलियों को अनुमोदन प्रदान किया गया। सिंचाई विभाग के अन्तर्गत उत्तराखण्ड परियोजना विकास एवं निर्माण निगम लि0 को कार्यदायी संस्था के रूप में मंजूरी दी गई। एक्स-रे टैक्निशियन पद के लिये अब केवल 100 अंको के टैक्निकल टेस्ट को मंजूरी दी गई। मल्लीताल, नैनीताल में लैण्ड यूज के सम्बन्ध में सिंगल आवासीय मद को स्वीकृति दी गई। ग्राम विकास विभाग के अन्तर्गत गढ़वाल कुमांयू में रूरल बिजनेस इंक्यूवेटर सेंटर से सम्बन्धित नियमावली, मार्गदर्शी सिद्धान्त को मंजूरी दी गई। सभी जिलों में सूचना केन्द्र के रूप में इंक्यूवेटर सेंटर खोले जायेंगे। अब मंत्रिमण्डल ऑफिस भी ई-ऑफिस के रूप में कार्य करने की मंजूरी। वर्ष 2019 उधम सिंह नगर कलैक्ट्रेट कर्मियों के 6 दिन के बहिष्कार अवधि का वेतन अर्जित अवकाश के रूप में आहरण हेतु मंजूरी। सेवा का अधिकार आयोग से सम्बन्धित वार्षिक प्रतिवेदन को विधानसभा पटल पर रखने की मंजूरी।
एमएसएमई 2015 की नीति के तहत सब्सिडी प्राप्त करने हेतु पहले से पूर्व पंजीकृत होना जरूरी था किन्तु जानकारी के अभाव में इससे सम्बन्धित लगभग 100 लाभार्थी सब्सिडी वंचित रह गये थे। इन लाभार्थी को भी छूट देते हुए सब्सिडी देने की मंजूरी। एमएसएमई के अन्तर्गत प्लॉट ऑफ सैड के बिक्री को सर्कल रेट से लिंक करने की मंजूरी। विधानसभा सत्रावसान को मंजूरी दी गई। कौशल एवं सेवायोजन विभाग से सम्बन्धित अनुदेशक सेवा नियमावली 2007 संशोधन की मंजूरी। केदारनाथ पुनर्निर्माण मास्टर प्लान बनाने वाली फर्म को सोनप्रयाग में भी मास्टर प्लान बनाने को मंजूरी। किच्छा शुगर मिल से सम्बन्धित वार्षिक प्रतिवेदन को विधानसभा पटल पर रखने की मंजूरी दी गई। बद्रीनाथ केदारनाथ में कार्य करने वाली पीएमसी का एग्रीमेंट यूटीडीवी के साथ था अब यूटीडीवी के बजाय बद्रीनाथ केदारनाथ उत्थान चौरिटेबल ट्रस्ट के साथ एग्रीमेंट को मंजूरी दी गई। चीनी मिल गदरपुर की सरप्लस भूमि को सरकारी विभागों की आवश्यकता पूरी करने के बाद अन्य के लिये निस्तारण की मंजूरी। आवास विभाग में ज्तंदेमितंइसम क्मअमसवचउमदज त्पहीजे (ज्क्त्) को लागू किया जायेगा। अधीनस्थ चयन आयोग समीक्षा अधिकारी, वैयक्तिक सहायक एवं सहायक लेखाकार पदो का सम्विलियन सेवा नियमावली को मंजूरी। कुमांउ में एम्स सेटेलाईट सेन्टर, किच्छा के समीप 100 एकड़ की भूमि भारत सरकार को निशुल्क देने की मंजूरी। देहरादून मसूरी रोपवे में टर्मिनल निर्माण में उंचाई वृद्धि के लिये छूट को मंजूरी। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रो में मोबाईल टॉवर से सम्बन्धित टॉवर से सम्बन्धित फीस निर्धारण से सम्बन्धित समस्या का निराकरण किया गया, अब भारत सरकार द्वारा निर्धारित गाईडलाईन के कारण फीस निर्धारण विलम्ब होने से मोबाईल सेवा बाधित नही होगी। उत्तराखण्ड इलैक्ट्रोनिक विज्ञापन मान्यता संशोधन सेवा नियमावली को मंजूरी। विद्युत नियामक प्राधिकरण से सम्बन्धित प्रतिवेदन विधानसभा पटल पर रखा जायेगा। केदारनाथ बद्रीनाथ में नये मास्टर प्लान के तहत कन्सलटैंसी शुल्क 3 से बढ़ाकर 4 प्रतिशत करने को मंजूरी। मेट्रो स्टेशन के समीप व्यवसायिक उंचे भवनों को सैद्धान्तिक अनुमति दी गई। जिससे अधिक संख्या में आम जन एक स्थल से मेट्रो स्टेशन तक पहुंच सकें। पहाड़ पर पार्किंग की समस्या के निराकरण के लिये तीन कार्यदायी संस्था को मंजूरी दी गई। टीएचडीसी, आरवीएनएल, यूजेविएनएल को कार्यदायी संस्था के रूप में मंजूरी। हरिद्वार जिला पंचायत चुनाव में ट्रिपल टेस्ट आयोग्यता निर्धारण के लिये मा0 न्यायालय से अनुरोध किया जायेगा, ताकि जल्द चुनाव हो सके। उत्तराखण्ड लैंड स्लाइड मिटीगेशन इन्सट्टयूट से सम्बन्धित नियमावली को मंजूरी दी गई। यह संस्था भूस्खलन को रोकने तथा ट्रीटमेंट पर कार्य करेगी।