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श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय परीक्षा नियंत्रक भर्ती में कुलपति ने किए जांच के आदेश

  • विश्वविद्यालय में 4 साल पूर्व हुई थी परीक्षा नियंत्रकों की भर्ती
  • भर्ती में अनियमितता और संदिग्ध दस्तावेजों की थी शिकायत

अभिज्ञान समाचार/ टिहरी। श्री देव सुमन विश्वविद्यालय में परीक्षा नियंत्रकों की नियुक्ति कटघरे में आ गई थी, जिस पर लंबे समय के बाद गुरुवार को कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने आखिरकार जांच के आदेश कर दिए हैं। जांच के लिए बनाई गई 6 सदस्य कमेटी की अध्यक्षता रिटायर्ड जज करेंगे। कमेटी तत्कालीन अधिकारियों की भर्ती में भूमिका को भी बारीकी से परखेगी।

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श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में हुई भर्ती धांधली पर उठ रहे सवालों और इस पर विश्वविद्यालय की चुप्पी आखिरकार टूट गई है। बता दें कि विश्वविद्यालय में सहायक परीक्षा नियंत्रकों की भर्ती में धांधली का आरोप लगा था। इसके आधार पर कुलपति ने जांच के लिए रिटायर्ड जज न्यायमूर्ति के.डी. शाही की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है। इस कमेटी में उच्च शिक्षा निदेशक, विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद के सदस्य डॉ ए.के. श्रीवास्तव, विश्वविद्यालय के कुलसचिव, प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलसचिव आरसी गुप्ता और दून विश्वविद्यालय के कुलसचिव भी शामिल है।

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कमेटी इन परीक्षा नियंत्रकों के दस्तावेजों की जांच करेगी। भर्ती प्रक्रिया में जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि भर्ती प्रक्रिया में डॉ हेमंत सिंह बिष्ट और वीर लाल का चयन किया गया था। तत्कालीन भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता तथा दस्तावेजों के संदिग्ध होने की शिकायत मिली थी। इस पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने बताया कि दोनों नियुक्ति में अनियमितताओं की आशंका का संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश कर दिए हैं।

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