Mon. Nov 25th, 2024

संयुक्त प्रयासों से बढेगी गेंदा की खेती

हरिद्वार। राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना, सहकारिता विभाग की बहुउद्देशीय साधन सहकारी समिति लालढांग, हरिद्वार की ओर से गेंदा की खेती करने वाले किसानों के संयुक्त प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए, पुष्प हरेला उत्सव का आयोजन किया गया। उत्सव का उद्घाटन सचिव सहकारिता डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने किया, उन्होंने तैयार फसल से गेंदा फूल तोड़कर उत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर संयुक्त सहकारी खेती से उत्पादित इन गेंदे के फूलों के संग्रहण एवं विपणन के लिए एक “संग्रह केंद्र” का उद्घाटन भी सचिव ने किया जिसके बाद यूकेसीडीपी, सहकारिता विभाग के सचिव एवं अधिकारियों ने गेंदा का पौधारोपण किया।
स्वयं सहायता समूह के सदस्यों की ओर से झोड़ा लोक नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी गई एवं विधालयी छात्रों की ओर से देशभक्ति गीत पर किये गये प्रस्तुतीकरण पर सभी भाव विभोर हो गए। गेंदा के लालढांग समिति के किसानों को उनके अनुकरणीय कार्य के लिए सचिव पुरुषोत्तम द्वारा सम्मानित किया गया। किसानों की आय को दोगुना करने के लिए यूकेसीडीपी परियोजना के तहत संयुक्त सहकारी खेती मे गेंदा के फूलों की खेती की गयी है। किसानों की समस्याओं के समाधान के दूरगामी उद्देश्य को पूरा करने के लिए सहकारी विभाग की ओर से यूकेसीडीपी परियोजना के तहत राज्य भर में विभिन्न मूल्य श्रृंखलाएं विकसित की जा रही हैं, जिसके तहत हरिद्वार जिले के लालढांग क्लस्टर में गेंदे के फूल उगाए गये हैं। प्रथम चरण में अप्रैल 2022 में निःशुल्क एमआईडीएच योजना के तहत बागवानी विभाग द्वारा तकनीकी सहायता एवं 2 लाख गेंदे के पौधे उपलब्ध कराए गए। संयुक्त खेती के इस प्रयास के तहत रुपये का वार्षिक निवेश। 46,150.00 किया जाता है। इस प्रयास में गेंदे के फूलों का प्रति बीघा वार्षिक उत्पादन 1500 किलोग्राम होने की संभावना है। ज्वालापुर और कनखल मंडी में गेंदे के फूलों की होगी बिक्री इन फूलों के विपणन से प्रति बीघा वार्षिक आय रु. 90,000 और वार्षिक शुद्ध लाभ प्रति बीघा आय रुपये होने की संभावना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *