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सरकार चारधाम यात्रा के प्रति कतई गम्भीर नहींः अविनाश मणि

देहरादून। उत्तराखण्ड युवा कांग्रेस के मीडिया प्रभारी अविनाश मणि ने कहा कि सरकार चारधाम यात्रा के प्रति कतई गम्भीर नहीं है। चारधाम यात्रा के प्रति राज्य सरकार की लापरवाही एवं अव्यवस्था के चलते तीर्थ यात्रा करने आये श्रद्धालुओं को भारी असुविधा का सामना करना पड रहा है। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्गों पर बुनियादी सुविधाओं का नितांत अभाव बना हुआ है। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग में न तो मेडिकल सुविधा है, न पेयजल सुविधा और न ही रात्रि विश्राम की कोई सुविधा उपलब्ध है। मेडिकल सुविधा के अभाव के चलते कई यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड रहा है तथा चारधाम यात्रा में अब तक 200 से अधिक तीर्थ यात्री अपनी जान गंवा बैठे हैं। सरकारी आंकडे बताते हैं कि अकेले एक माह की यात्रा के दौरान उतने श्रद्धालुओं की जान चली गई है जितनी विगत वर्षों में पूरी यात्रा के दौरान भी नहीं गई है जबकि यह संख्या इससे कई अधिक है।
उन्होनें कहा की उत्तराखण्ड सरकार प्रदेश में चल रही चारधाम यात्रा को व्यवस्थित तरीके से सम्पन्न कराने में पूरी तरह से असफल साबित हो रही है। राज्य की जनता की आर्थिकी की रीड मानी जाने वाली चारधाम यात्रा तथा पर्यटन के प्रति राज्य सरकार पूरी तरह संवेदनहीन बनी हुई है। यात्रा के शुरूआती माह में ही लगभग 104 से अधिक तीर्थ यात्री अपनी जांन गंवा बैठे हैं जबकि पिछली यात्राओं में पूरे 6 माह में भी यह संख्या इतनी नहीं होती थी। अव्यवस्थाओं के चलते यात्रा मार्गों पर रोज घट रही हृदय विदारक दुर्घटनाओं से राज्य की पर्यटन छबि पर भी प्रभाव पडा है।
उन्होनें कहा की एक तरफ राज्य सरकार के पास इस 100 दिन के कार्यकाल की कोई भी ऐसी उपलब्धि नहीं है जिस पर राज्य की जनता को गर्व हो। राज्य सरकार अपने 100 दिन के कार्यकाल में मात्र साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए कॉमन सिविल कोड का शिगूफा ही छोड पाई है। उन्होंने कहा कि अपने पिछले पांच साल के कार्यकाल में भाजपा सरकार ने असफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किये तथा वर्तमान कार्यकाल के 100 दिन के कार्यकाल में सरकार अभी तक अपने चुनावी घोषणाओं की दिशा भी तय नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि चुनावी घोषणा पत्र में किसानों, बेरोजगारों, श्रमिकों व व्यापारियों की बात करने वाली धामी सरकार इन वर्गों के विकास के लिए कोई भी नीति नहीं बना पाई है।
उन्होनें राज्य की धामी सरकार के कार्यकाल को निराशाजनक तथा सरकार के कार्यकाल की शुरूआती दिशाहीनता बताते हुए कहा कि राज्य की भाजपा सरकार के कार्यकाल में चुनावी घोषणाओं की दिशा में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है और न ही अपने आगे के कार्यकाल की दिशा ही तय कर पाई है।
उन्होनें कहा कि विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के लिए भाजपा ने कोरी घोषणायें तथा झूठ का सहारा लेकर जनता को भ्रमित करने का काम किया। भाजपा नेताओं ने चुनाव में प्रदेश की गरीब जनता, बेरोजगार नौजवानों, किसानों, व्यापारियों से जो वादे किये वे सब झूठ का पुलिंदा साबित हुए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आते ही गरीब जनता को सस्तागल्ले के माध्यम से मिलने वाली राशन बन्द करने की नीयत से राशन कार्ड समाप्त करने की योजना बनाई है। राज्य में शिक्षित बेरोजगार नौजवानों की फौज बढती जा रही है तथा रोजगार की आस लगाये नौजवानों को भी सरकार के 100 दिन की कार्यप्रणाली से मायूसी ही हाथ लगी है। उन्हांेने कहा कि राज्य सरकार के 100 के कार्यकाल में राज्य में हत्या, चोरी, डकैती, मासूमों से बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। राज्य में पिछले दो माह में घटी इन घटनाओं नेे सरकार की लचर कानून व्यवस्था उजागर करने के साथ-साथ राज्य की अस्मिता पर भी चोट पहुंचाने का काम किया है। राज्य की जनता में भय का वातावरण व्याप्त है तथा आमजन विषेशकर महिलाएं अपने को असुरक्षित महसूस कर रही हैं।

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