सांसों के कर्ज मुक्ति के लिए पौधे अनिवार्य रूप से लगाएं
देहरादून। ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट, पूर्णानंद घाट में प्रातः समय पंडितों के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महारुद्राभिषेक का आयोजन किया। आदिदेव महादेव की पंचोपचार से पूजन अर्चन के बाद महारुद्राभिषेक करने के बाद विशेष श्रृंगार किया और जय भोले के नारों से पूर्णानंद घाट गूँज उठा। प्रातः 6 बजे से ओम नमः शिवाय व हर हर महादेव के जयघोष करते हुए सम्मिलित हुए। पंडित हरिओम शर्मा ज्ञानी जी ने बताया कि भगवान की दिव्य भस्म आरती की फूलों से भगवान का मनोहारी श्रृंगार हुआ। सुशीला सेमवाल ने बताया कि सावन में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है। सावन माह में भगवान शिव ही सृष्टि का संचालन करते हैं। इसलिए इस समय रुद्राभिषेक अधिक और तुरंत फलदायी होता है। रुद्राभिषेक से सभी परेशानियां दूर होती हैं, परिवार में सुख- समृद्धि और शांति आती है।
डॉक्टर ज्योति शर्मा ने कहा कि अपनी सांसों के कर्ज मुक्ति के लिए कांवड़ यात्रा की याद में अपने घर जाकर एक पौधे जरूर लगाए। मानव जीवन में जितनी आक्सीजन की आवश्यकता होती है। जिस व्यक्ति ने अपने जीवनकाल में एक पौधा भी नहीं लगाया, उसे अपने अंतिम संस्कार में लकड़ी के उपयोग का नैतिक अधिकार भी नहीं है। कांवड़ियों को सफाई, स्वच्छता की दिलाई शपथ। कांवड़ियों को गंगा तट पूर्णानंद घाट पर सफाई की और स्वच्छता का संदेश दिया। स्वच्छता का बढ़-चढ़कर भागीदारी करने का आह्वान किया। ऋषिकेश क्लीन सिटी, ग्रीन सिटी, यही है मेरी ड्रीम सिटी पर आयोजित रुद्राभिषेक किया। रुद्राभिषेक में मुख्य रूप आचार्य मोहित बडोनी, आचार्य सुमित भट्ट, पंडित मनीष बडोनी, ऐ ओ सर्वेश कुमार त्यागी, सर्वाेदय त्यागी आदि ने परिवार सहित रुद्राभिषेक किया।