4 दिसंबर को पीएम मोदी की रैली का विरोध करेंगे तीर्थ पुरोहित, सामूहिक तौर पर छोडेंगे भाजपा
अभिज्ञान समाचार/ देहरादून। देवस्थानम बोर्ड के विरोध में उतरे हजारों तीर्थ पुरोहित आगामी 4 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कि देहरादून में होने वाली महारैली का पुल का विरोध करेंगे तीर्थ पुरोहितों की ओर से सुरेश सेमवाल ने कहा है की सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग करने पर फैसला नहीं ले पा रही है लिहाजा तीर्थ पुरोहित हक हकूक धारी आगामी 30 नवंबर को सामूहिक तौर पर भाजपा छोड़ेंगे।
यह भी पढ़ें- एक हफ्ते एफआरआई घूमने नहीं जा पाएंगे लोग, प्रशासन ने अगले आदेशों तक लगाई रोक
सेमवाल ने कहा कि सरकार बार-बार समय देती है और समिति बनाती है। लेकिन क्यों सरकार एक लाइन में नही कह देती ‘उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम बोर्ड भंग किया जाता है।’ आंदोलन को अब और अधिक धार दी जाएगी। अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत तीर्थ पुरोहितों को पुलिस ने बेरिकेट्स लगाकर सचिवालय पहुंचने से पहले ही रोक लिया। बता दें कि 27 नवंबर 2019 के दिन ही श्राइन बोर्ड के गठन का प्रस्ताव पारित हुआ था जिसका नाम बाद में देवस्थानम बोर्ड किया गया।
तीर्थ पुरोहितों के इस आंदोलन को समर्थन देने कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी पहुंचे साथ में महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, संजय किशोर भी मौजूद रहे। वहीं आप पार्टी की ओर से प्रदेश प्रवक्ता संजय भट्ट, उमा सिसोदिया, नवीन पिरसाली, रविन्द्र पुंडीर, डिम्पल सिंह, सीमा कश्यप आदि भी रैली में पंहुंचे व अंत तक रैली में बने रहे। वहीं महापंचायत के प्रदेश प्रवक्ता डॉ बृजेश सती ने बताया कि कैबिनेट में 27 नवंबर 2019 को श्राइन बोर्ड के गठन का प्रस्ताव पारित हुआ था, जिसे दो साल पूरे होंगे। कहा कि आज के दिन को तीर्थ पुरोहितों के लिए काला दिवस रूप में भी मनाया है।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड के युवाओं के लिए अच्छी खबर 776 पदों पर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने निकाली भर्तियां जानिए कैसे करें आवेदन
डॉ सती ने कहा कि दिए गए आश्वासन के मुताबिक 30 नवंबर को मांग नहीं मानी गई तो इससे भी उग्र आंदोलन किया जाएगा। इससे चार दिन पहले बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने कैबिनेट मंत्रियों के आवास का घेराव किया था। चारधाम देवस्थानम बोर्ड भंग करो सचिवालय घेराव रैली में सुरेश सेमवाल, पुरुषोत्तम उनियाल, आचार्य संतोष त्रिवेदी, विपिन जोशी, संजय तिवारी, ब्रह्म कपाल, उमेश सती, सौरभ शुक्ला, निखलेश सेमवाल आदि सैकड़ों तीर्थ पुरोहित, हक हकूकधारी शामिल हुए।