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चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की सेवा में 567 डॉक्टर, 800 पैरामेडिकल स्टाफ तैनात

देहरादून :  चारधाम यात्रा को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने इस बार बड़े पैमाने पर चिकित्सा व्यवस्थाएं की हैं। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि इस बार यात्रा मार्गों, मुख्य पड़ावों और चारों धामों पर 567 डॉक्टरों की तैनाती की गई है, जिनमें विशेषज्ञ चिकित्सक भी शामिल हैं। इसके अलावा 800 से अधिक पैरामेडिकल स्टाफ श्रद्धालुओं की सेवा में लगे रहेंगे।

केंद्र सरकार ने भी चारधाम यात्रा के लिए सहयोग करते हुए 13 विशेषज्ञ चिकित्सकों का पहला दल भेजा है, जिन्हें उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग की चिकित्सा इकाइयों में नियुक्त किया गया है। ये डॉक्टर एम्स दिल्ली, कल्याणी, गोरखपुर और पांडिचेरी के जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएशन मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से आए हैं।

डॉ. रावत ने जानकारी दी कि चारधाम मार्गों पर 49 स्थायी और 20 अस्थायी चिकित्सा इकाइयों पर डॉक्टरों की रोटेशन प्रणाली से नियुक्ति की गई है। स्थायी इकाइयों में 31 विशेषज्ञ, 200 चिकित्सा अधिकारी और 381 पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था है, जबकि अस्थायी इकाइयों में 15 दिन के रोस्टर पर 336 डॉक्टर और 420 पैरामेडिकल स्टाफ काम करेंगे।

इसके अलावा, राज्य सरकार 47 और विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति करेगी, जिनमें 24 फिजिशियन और 23 ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ शामिल होंगे। राज्य के राजकीय और निजी मेडिकल कॉलेजों से भी 5 विशेषज्ञ डॉक्टर यात्रा में योगदान देंगे।

स्वास्थ्य विभाग ने तीर्थ यात्रियों की स्क्रीनिंग के लिए इस बार 50 से बढ़ाकर 57 स्क्रीनिंग किओस्क लगाए हैं। इनमें हरिद्वार, ट्रांजिट कैंप, विकासनगर और पौड़ी जैसे प्रमुख स्थान शामिल हैं। साथ ही, 50 टैबलेट्स के माध्यम से डिजिटल एकीकरण को सुचारू रखने की व्यवस्था की गई है। एम्स ऋषिकेश की ओर से एयर एम्बुलेंस सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही है।

डॉ. रावत ने बताया कि स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी का लगातार प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसके अलावा होटलों, टेंट, लॉज संचालकों और खच्चर सेवाओं से जुड़े लोगों को भी नजदीकी चिकित्सा इकाइयों की जानकारी देने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

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