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इंदौर पांचवीं बार बना देश का सबसे स्वच्छ शहर, दून लंबी छलांग लगा पहुंचा 82वें स्थान पर

अभिज्ञान समाचार/ नई दिल्ली/ देहरादून।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद शनिवार को साफ सुथरे शहरों को स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2021 प्रदान किए गए। इंदौर को लगातार 5वीं बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। राष्ट्रपति ने गुजरात के सूरत और आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा को देश के दूसरे और तीसरे सबसे स्वच्छ शहर बनने पर सम्मानित किया। जबकि केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में सबसे स्वच्छ गंगा शहर की कैटेगेरी में उत्तरप्रदेश के वाराणसी (बनारस) को पहला स्थान मिला है। वहीं देहरादून के लिए इस साल का स्वच्छता सर्वेक्षण बड़ी उपलब्धि दे गया इस बार देहरादून 82 में स्थान पर रहा जबकि पिछले वर्ष इसकी रैंकिंग 124 वीं थी।

देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित ‘स्वच्छ अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा कि ‘देशवासियों की सोच में बदलाव, स्वच्छ भारत अभियान की बहुत बड़ी सफलता है। आज यह बदलाव व्यापक स्तर पर हुआ है। अब तो बहुत से परिवारों में छोटे बच्चे भी परिवार के बड़े लोगों को गंदगी फैलाने से रोकते हैं।’ उन्होंने कहा कि वे बच्चे कई बार बड़ों को कोई भी चीज सड़क पर फेंकने से टोकते हैं। ऐसे बदलाव के लिए मैं देशवासियों को बधाई देता हूं। स्वच्छता अभियान की सफलता के लिए मैं सफाई मित्रों और सफाईकर्मियों की विशेष रूप से सरहाना करता हूं।

देहरादून को मिली बड़ी उपलब्धि, लंबी छलांग लगा पहुंचा 82वें स्थान पर

राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में देश के सबसे स्वच्छ शहरों में देहरादून 82वें स्थान पर रहा। इस बार देहरादून के लिए यह एक लंबी छलांग थी। बता दें कि पिछले वर्ष के सर्वेक्षण आंकड़ों में देहरादून 124 वें स्थान पर था। इस वर्ष के परिणामों से नगर निगम देहरादून खासा उत्साहित नजर आ रहा है। अब नगर निगम ने अगले वर्ष होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में टॉप 50 सबसे स्वच्छ शहरों में जगह बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

मेयर सुनील उनियाल गामा ने वीडियो कॉल के जरिये नगर आयुक्त, सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और दूनवासियों को बधाई दी है। उन्होने कहा कि यह देहरादून की जनता का ही आशीर्वाद है, जो निगम लगातार बेहतर प्रदर्शन कर स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंक हासिल कर रहा है। दूनवासियों के सहयोग के बगैर यह स्थान पाना संभव नहीं था। जागरूक दूनवासी अपने घरों व दुकान से निकलने वाले कूड़े को निगम के द्वारा लगाए गए वाहनों को दे रहे हैं। यही वजह है कि अब सड़क किनारे डिब्बे कूड़े से भरे नहीं दिखते हैं। सड़कों पर बिखरा कूड़ा भी उठने से शहर साफ लगने लगा। मेयर गामा ने कहा कि पिछले वर्ष के स्वच्छ सर्वेक्षण के परिणाम के बाद हमने 100 के भीतर रैंक हासिल करने का लक्ष्य रखा था। जिसे इस बार पूरा कर लिया गया है। वहीं अब टॉप-50 शहरों में आने की चुनौती है, जिसे पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

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