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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 7 महीने से वेतन न मिलना शर्मनाक: बांसुरी स्वराज

नई दिल्ली: आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात के अगले दिन भारतीय जनता पार्टी सांसद बांसुरी स्वराज ने मंगलवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार पर हमला बोला और इसे शर्मनाक बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सात महीने से भुगतान नहीं किया गया है और आशा कार्यकर्ताओं का वजीफा नहीं बढ़ाया गया है।

भाजपा सांसद ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि दिल्ली की आप सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पिछले सात महीने से वेतन नहीं दिया है। आशा वर्कर 3000 रुपये वेतन पर काम कर रही हैं और उनका स्टाइपेंड नहीं बढ़ाया गया है। उन्होने कहा कि हर तीन साल में उनका वजीफा बढ़ाया जाना चाहिए। कानून इसे अनिवार्य बनाता है। यह आप सरकार उनकी बातों पर ध्यान नहीं दे रही है। मैंने इस संबंध में दिल्ली के एलजी से मुलाकात की और मुझे खुशी है कि उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि वह इस मुद्दे पर दिल्ली के सीएम को निर्देश देंगे।

एलजी कार्यालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार दिल्ली के उपराज्यपाल ने आप सरकार को दिल्ली में आशा कार्यकर्ताओं को दिए जाने वाले वजीफे को मौजूदा 3,000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 9,000 रुपये करने की सलाह दी, यह देखते हुए कि उनकी वजीफा में आखिरी वृद्धि 2018 में हुई थी, भले ही संशोधन हर तीन साल में होना चाहिए था। विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने आंगनवाड़ी पर्यवेक्षकों के लिए तत्काल वेतन जारी करने का भी अनुरोध किया है।एलजी की ओर से यह संदेश सक्सेना द्वारा आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के बाद आया है, जिन्होंने सोमवार को राज निवास में एलजी से मुलाकात की थी और उनके संज्ञान में लाया था कि 2018 से उनके वजीफे को संशोधित नहीं किया गया है और आंगनवाड़ी पर्यवेक्षकों के वेतन को भी संशोधित नहीं किया गया है।

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