विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई: तहसील कर्मी रिश्वत लेते धरा गया

धनोल्टी/ देहरादून: : भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान को एक बड़ी सफलता मिली जब विजिलेंस टीम ने धनोल्टी तहसील में कार्यरत नाजिर विरेंद्र सिंह कैंतुरा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई मंगलवार को उस समय की गई जब आरोपी ने पीड़ित व्यक्ति से दाखिल-खारिज की प्रक्रिया पूरी कराने के एवज में 15 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी।प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़ित व्यक्ति किसी भूमि संबंधी दस्तावेज के दाखिल-खारिज की प्रक्रिया को संपन्न करवाना चाहता था। जब उसने तहसील कार्यालय से संपर्क किया तो नाजिर विरेंद्र सिंह कैंतुरा ने उसकी फाइल को आगे बढ़ाने के लिए 15,000 रुपये की मांग की।
इससे परेशान होकर पीड़ित ने इस पूरे मामले की शिकायत विजिलेंस विभाग से की।शिकायत को गंभीरता से लेते हुए विजिलेंस की टीम ने तुरंत एक विशेष योजना तैयार की और ट्रैप लगाकर तहसील कार्यालय में आरोपी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। जैसे ही पीड़ित ने तयशुदा रकम नाजिर को सौंपी, विजिलेंस टीम ने दबिश देकर उसे पकड़ लिया। आरोपी के पास से रिश्वत की पूरी राशि भी बरामद कर ली गई है।गिरफ्तारी के बाद आरोपी को आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं के बाद न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। विजिलेंस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
जनता में जागरूकता और विश्वास का संकेत
इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र में प्रशासनिक पारदर्शिता को लेकर लोगों में विश्वास बढ़ा है। आमजन का मानना है कि यदि भ्रष्टाचार के खिलाफ इसी तरह सख्त कार्रवाई होती रही तो सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्ट आचरण पर लगाम लगाई जा सकती है।
विजिलेंस विभाग की अपील
विजिलेंस टीम ने आम जनता से अपील की है कि यदि किसी भी सरकारी विभाग में उनसे घूस या अवैध पैसा मांगा जाता है, तो वे बिना डर के इसकी सूचना दें। उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी।धनोल्टी तहसील में हुए इस मामले ने प्रशासनिक हलकों में खलबली मचा दी है और अब अन्य अधिकारी भी सतर्क हो गए हैं। यह कार्रवाई एक स्पष्ट संदेश देती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अब किसी प्रकार की नरमी नहीं बरती जाएगी।