ऑपरेशन सिंदूर के बाद बड़ा फैसला, करतारपुर कॉरिडोर अगले आदेश तक बंद

भारत और पाकिस्तान के बीच एकमात्र खुला संपर्क मार्ग — करतारपुर कॉरिडोर — को बुधवार, 7 मई की सुबह अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। यह फैसला भारतीय सेना द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के कुछ घंटों बाद लिया गया। बुधवार सुबह लगभग 150 भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को, जो पाकिस्तान के नारोवाल जिले स्थित ऐतिहासिक श्री दरबार साहिब गुरुद्वारा के दर्शन के लिए पहुंचे थे, सीमा पर करीब डेढ़ घंटे इंतजार करने के बाद वापस लौटने के निर्देश दिए गए।
गृह मंत्रालय के आव्रजन ब्यूरो ने “अगले आदेश तक” कॉरिडोर को बंद रखने का निर्णय लिया है। गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर दलविंदरजीत सिंह ने बताया, “आज के लिए कॉरिडोर बंद कर दिया गया है, आने वाले दिनों के लिए फिलहाल कोई सरकारी निर्देश नहीं मिले हैं।”
सुबह 9 बजे से तीर्थयात्री करतारपुर जाने के लिए चेक पोस्ट पर पहुंचने लगे थे, लेकिन करीब 11 बजे उन्हें लौटा दिया गया। एक तीर्थयात्री ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दर्शन नहीं हो पाए, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।”
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से सीमा पर तनाव बढ़ा है, और पाकिस्तान जाने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी देखी जा रही थी। हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। इसके बाद भारत सरकार ने 23 अप्रैल को पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को सीमित करने का निर्णय लिया था।
उल्लेखनीय है कि अमृतसर के अटारी-वाघा बॉर्डर पर व्यापार पहले ही निलंबित किया जा चुका था, जबकि करतारपुर कॉरिडोर अब तक खुला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने 9 नवंबर 2019 को गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के मौके पर इस कॉरिडोर का उद्घाटन किया था।
द्विपक्षीय समझौते के तहत भारतीय श्रद्धालुओं को वीजा-मुक्त प्रवेश की अनुमति दी जाती है, और वे उसी दिन वापस लौटते हैं। कोविड-19 महामारी के कारण इसे लंबे समय तक बंद रखा गया था और 17 नवंबर 2021 को दोबारा खोला गया। पिछले वर्ष दोनों देशों ने इस समझौते को पांच वर्षों के लिए नवीनीकृत किया था।फिलहाल जिला प्रशासन और तीर्थयात्रियों को सरकार के अगले आदेश का इंतजार है। स्थिति सामान्य होने के बाद ही कॉरिडोर को फिर से खोलने का निर्णय लिया जाएगा।