बिलासपुर बस हादसाभारी: बारिश ने ली 16 जानें, बस समेत दबीं जिंदगियां

बिलासपुर : हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के बीच मंगलवार शाम बिलासपुर जिले में दर्दनाक हादसा हो गया। मरोतन से घुमारवीं जा रही 32 सीटर निजी बस पर बरठीं के पास भल्लू पुल के समीप अचानक पहाड़ी से भारी मलबा और चट्टानें आ गिरीं। इस हादसे में 16 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया। बुधवार सुबह मलबे से लापता आठ वर्षीय राहुल का शव भी बरामद कर लिया गया। बस में कुल 18 लोग सवार थे।
हादसा मंगलवार शाम करीब साढ़े छह बजे हुआ। अचानक मलबा गिरने से बस की छत उखड़ गई और वह खड्ड किनारे जा गिरी। बस में बैठे यात्री मलबे में दब गए। पीछे से आ रहे वाहन चालकों ने पुलिस और प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद राहत व बचाव कार्य शुरू हुआ। एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमों ने करीब साढ़े तीन घंटे की मशक्कत के बाद 15 शवों को मलबे से निकाला। देर रात तक रेस्क्यू अभियान जारी रहा।
पुलिस के अनुसार, बस मरोतन, बरठीं और बीच के स्टेशनों से सवारियां लेकर घुमारवीं जा रही थी। ज्यादातर लोग नौकरी या काम से लौट रहे थे। स्थानीय लोगों ने सबसे पहले फगोग गांव के दो बच्चों — आरुषि (10) और शौर्य (8) — को सुरक्षित बाहर निकाला। दोनों को बरठीं अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद एम्स बिलासपुर रेफर किया गया।
इन बच्चों के परिवार के चार सदस्य — मां कमलेश कुमारी, दो चचेरे भाई नक्श और आरव, और चाची अंजना कुमारी — हादसे में जान गंवा बैठे। बताया गया कि कमलेश और अंजना देवरानी-जिठानी थीं और मायके गंगलोह थेह से अपने ससुराल फगोग लौट रही थीं। परिजनों को पहचान के लिए बरठीं अस्पताल बुलाया गया, जहां मातम का माहौल छा गया।
हादसे में बस चालक और परिचालक की भी मौत हो गई। बस के मालिक राजकुमार, जो खुद कंडक्टर का काम कर रहे थे, कुछ देर पहले बरठीं में उतर गए थे और नए परिचालक को आगे भेजा था। कुछ ही दूरी पर हादसा हो गया।
हादसे में जिन लोगों की जान गई, उनमें बख्शी राम (भल्लू), नरेंद्र (छत), कृष्णलाल (थापना नरली), रजनीश, चुन्नी (बरड़), सोनू (कच्युत), शरीफ खान (मलांगण), बिमला (देण), आरव, कमलेश, अंजना, नक्श (फगोग), प्रवीण (डोहग), कांता देवी (सियोथा) और संजीव (मैड) शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भी संवेदनाएं व्यक्त कीं। सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार कठिन समय में प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है।
लगातार बारिश और अंधेरे के बीच राहत कार्य में दिक्कतें आईं, लेकिन एनडीआरएफ की टीम ने कुत्तों की मदद से शवों को ढूंढ निकाला। रात भर जेसीबी और अन्य मशीनों से मलबा हटाने का काम जारी रहा। हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है, और प्रशासन ने घटनास्थल के आसपास यातायात रोक दिया है ताकि कोई लापता व्यक्ति पीछे न छूट जाए।