जी-7 शिखर सम्मेलन में द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर हुई चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान अपने इतालवी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘ दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की और रक्षा औद्योगिक सहयोग को और बढ़ाने की उम्मीद जताई। बयान में कहा गया कि इस साल के अंत में इतालवी विमानवाहक पोत आईटीएस कैवूर और प्रशिक्षण जहाज आईटीएस वेस्पुची भारत आएगा।
इसके अलावा, पीएम मोदी ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इतालवी अभियान में भारतीय सेना के योगदान को मान्यता देने के लिए इतालवी सरकार को धन्यवाद दिया। पीएम ने बताया कि भारत इटली के मोंटोन में यशवंत घाडगे स्मारक का उन्नयन करेगा। पीएम मोदी और उनके इतालवी समकक्ष ने नियमित उच्च राजनीतिक वार्ता पर संतोष व्यक्त किया और भारत – इटली रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की। मेलोनी ने प्रधानमंत्री मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में उनके लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए बधाई भी दी।
13-15 जून तक इटली के पुगलिया में जी.7 शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी इटली गए थे। पीएम मोदी 14 जून को आउटरीच सत्र में भाग लिया, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर केंद्रित था।
इस सम्मेलन में मध्य पूर्व, गाजा और यूक्रेन में चल रहे संघर्षों पर चर्चा हुई। विश्वभर के नेता इन जटिल भू.राजनीतिक चुनौतियों से निपटने और समाधान के तरीकों पर बात की। इसके अलावा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) एजेंडा के प्रमुख विषयों में शामिल किया गया है।
जी-7 शिखर सम्मेलन में इटली ने भारत को अतिथि देश के तौर पर आमंत्रित किया था। दरअसल, यह पहली बार नहीं है जब भारत को जी.7 द्वारा आमंत्रित किया गया हो। 2019 से भारत को हर साल जी-7 में आमंत्रित किया जा रहा है। 2023 में जापान, 2022 में जर्मनी, 2021 में यूके और 2019 में फ्रांस ने भारत को आमंत्रित किया था। 2020 में अमेरिका ने भारत को आमंत्रित किया था लेकिन कोविड-19 के कारण सम्मेलन रद्द कर दिया गया था।