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सेवा में समर्पित जन्मदिन: बच्चों के बीच मानवता की मिसाल बने सचिन जैन

देहरादून: मानवता और सेवा का संदेश लेकर चलने वाले मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सचिन जैन का जन्मदिन एक विशेष और प्रेरणादायक अंदाज़ में सेवा दिवस के रूप में मनाया। इस अवसर पर संगठन के सदस्यों ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्राओं के बीच जाकर उन्हें वस्त्र वितरित किए तथा उनके चेहरों पर मुस्कान बिखेरी।

विद्यालय परिसर इस अवसर पर एक उत्सव स्थल में तब्दील हो गया जहाँ बच्चों में खासा उत्साह देखने को मिला। बच्चों ने अपने प्रिय अतिथि के स्वागत के लिए विशेष तैयारियाँ की थीं। कोई फूल लेकर आया, तो किसी ने खुद से बनाए ग्रीटिंग कार्ड्स और गुलदस्तों के जरिए जन्मदिन की शुभकामनाएँ दीं। बच्चों ने मिलकर जन्मदिन का गीत भी गाया, जिससे माहौल बेहद संगीतमय और भावुक हो गया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि और संगठन की प्रदेश अध्यक्ष मधु जैन ने बताया कि सचिन जैन हर वर्ष अपने जन्मदिवस को सेवा दिवस के रूप में मनाते हैं। वे इस दिन समाज के विभिन्न वर्गों, विशेषकर बच्चों और जरूरतमंदों के बीच जाकर सेवा कार्य करते हैं। वे बच्चों को आवश्यक सामग्री, वस्त्र आदि भेंट कर उन्हें सहयोग देने का कार्य करते हैं। इसके साथ-साथ वे गौशालाओं में जाकर गायों को चारा खिलाना, रक्तदान शिविरों में भाग लेना तथा अस्पतालों में खाद्य सामग्री का वितरण जैसे अनेक सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते हैं। उनका मानना है कि जन्मदिन केवल स्वयं के लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए कुछ करने का दिन होना चाहिए।

मधु जैन ने आगे बताया, “सचिन जैन जी का जीवन ही सेवा, समर्पण और परोपकार का आदर्श उदाहरण है। वे हर दिन ईश्वर का आशीर्वाद लेकर दिन की शुरुआत करते हैं और समय-समय पर विभिन्न धर्मार्थ कार्यों में संलग्न रहते हैं।”

इस अवसर पर विद्यालय की शिक्षिकाएं रेखा निगम, माधवी शर्मा, गीता वर्मा सहित अन्य शिक्षकगण भी उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर इस सेवा दिवस को एक प्रेरणादायक आयोजन में बदल दिया।

विद्यालय प्रशासन और अभिभावकों ने संगठन के इस मानवीय पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की और इसे एक अनुकरणीय प्रयास बताया। इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि जन्मदिवस केवल एक व्यक्तिगत उत्सव नहीं, बल्कि समाज को कुछ लौटाने का अवसर हो सकता है।

अंत में, बच्चों की मुस्कान और संगठन के सेवा भाव ने यह सिद्ध कर दिया कि सच्ची खुशी दूसरों को खुशी देने में ही निहित है।

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