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धामी सरकार के साहसिक निर्णयों ने बढ़ाया राज्य का गौरव : डॉ0 धन सिंह रावत

देहरादून  :  कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने भू कानून और यूसीसी को जनभावनाओं के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसे तमाम निर्णय भाजपा सरकार द्वारा जनता से किए संकल्पों को ध्यान मे रखकर लिए जा रहे हैं। जो इन मुद्दों पर भ्रम फैला रहे हैं, वे जनभावनाओं का अपमान कर रहे हैं।डॉ0 धन सिंह ने कहा कि राज्य निर्माण से पहले ही, भाजपा हमेशा सशक्त, समृद्ध और विकसित उत्तराखंड को ध्यान में रखते हुए कार्य करती रही है। जब अलग राज्य बना, तो ये सिद्धांत हमारी प्राथमिकता में शामिल हो गया था।

हम हमेशा राज्य आंदोलनकारियों के सपनो के अनुरूप देवभूमि का विकास करने के पक्ष में रहे हैं। जब जब हमें सरकार में रहते कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ हमने हमेशा इस दिशा में अपने प्रयासों को आगे बढ़ाया है।डॉ0 रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार ने लगातार जो ऐतिहासिक एवं साहसिक निर्णय लिए हैं। उसके बाद तो हम गर्व से कह सकते हैं कि आज हम शहीदों के सपनों और आम जनता की आकांक्षाओं अनुसार राज्य निर्माण को लेकर निर्णायक स्थिति में पहुंच गये है।उन्होंने कहा कि इस कड़ी में हमारी सरकार द्वारा लाया गया भू कानून अपनी जमीनों को लेकर उत्तराखंड के देवतुल्य लोगों की चिंता खत्म करने वाला है।

क्योंकि राज्य बनने के बाद से ही लगातार भू माफियाओं द्वारा राज्य की जमीनों को निशाना बनाया जा रहा था। हालांकि इन दो दशकों में जब भी हमें मौका मिला हमने ऐसे अराजक तत्वों पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाए। लेकिन दूसरी सरकारों में जमीनी खरीद फरोख्त को युवाओं के लिए रोजगार बनाने का प्रयास कर भूमाफियाओं को पनपने का प्रयाप्त अवसर दिए। वोट बैंक की आड़ में कांग्रेस नेताओं द्वारा वर्ग विशेष विशेष को तव्वजो देकर पहाड़ों की डेमोग्राफी को ताक पर रखने का काम किया। यही वजह है कि मुद्दे की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए, जनसामान्य से पार्टी ने विगत विधानसभा चुनावों में वादा किया था। लिहाजा प्रदेश की भू संपदा को बचाने के लिए लिया गया यह कदम जनभावना से प्रेरित है।

इससे पूर्व समान नागरिक संहिता लागू करने वाले देश का पहला राज्य बने, जिसकी चर्चा चारों और हो रही है। इसी तरह धर्मांतरण कानून हो, दंगारोधी कानून हो या अवैध धार्मिक अतिक्रमणों के खिलाफ कार्यवाही हो। ऐसे सभी ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय के पीछे भी हमारी मंशा, राज्य के देवभूमि स्वरूप को बचाए रखने की थी। क्योंकि राज्य निर्माण के पीछे एक बड़ा मंत्वय, विकास के साथ राज्य की पहचान और संस्कृति का संरक्षण भी था। एक समान कानून के अभाव में वर्ग विशेष को मिली छूट और माहौल खराब करने की प्रवृति, उत्तराखंड की डेमोग्राफी बदलने की साजिश में तब्दील हों गई थी। जिसमें बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष की राजनीति ने इस षड्यंत्र के हथियार बनने में भूमिका निभाई।

उन्होंने स्पष्ट किया कि इस सबसे इतर भाजपा की सांस्कृतिक राष्ट्रवादी सोच में देवभूमि की समृद्धता और सुरक्षा प्राथमिकता में रही है। इसी दृष्टि से हमने जनता से जो जो वादे किए थे वो सभी एक के बाद एक पूरे किए जा रहे हैं।वहीं उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा कि यह तमाम राजनीतिक दल और उनके नेता जमीन से पूरी तरह कट गए हैं। यही वजह है कि उन्हें ना तो प्रदेश की जमीनों की और ना ही उनकी जनभावनाओं की चिंता है। कांग्रेस पार्टी, भू कानून को लेकर झूठ और अफवाह फैलाकर भ्रम का माहौल बनाने चाहती है। जबकि हकीकत यह है कि कांग्रेस स्वयं भ्रम में है और जानते बूझते, भू कानून का विरोध कर जनभावनाओं का अपमान कर रही है।

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