बिना लाइसेंस 50 साल से चला रहा था कार,इंश्योरेंस कंपनियों को दिया चकमा
बिना लाइसेंस गाड़ी चलाना भारत ही नहीं पूरी दुनिया में जुर्म है। कई मुल्कों में ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए पुलिस तकनीकी तौर पर काफी सक्षम बनाई गई है। क्योंकि ऐसे लोग कभी भी हादसे को अंजाम दे सकते हैं। लेकिन आप जानकर हैरान होंगे कि ब्रिटेन जैसे मुल्क में एक शख्स 50 साल तक बिना ड्राइविंग लाइसेंस गाड़ी चलाता रहा, लेकिन पुलिस उसे नहीं पकड़ पाई। यहां तक कि वह इंश्योरेंस कंपनियों को भी धोखा देता रहा। हालांकि, एक दिन उसकी किस्मत धोखा खा गई और वह दबोच लिया गया।
बेहद चौंकाने वाला यह मामला ब्रिटेन के डर्बीशायर का है।डर्बीशायर रोड पुलिसिंग यूनिट ने ट्विटर पर एक तस्वीर शेयर की है। साथ ही लिखा है कि डर्बी इलाके में उन्होंने एक पेंशनर को बिना ड्राइविंग लाइसेंस गाड़ी चलाते हुए पाया। जब बुजुर्ग ट्रैफिक पुलिस के हत्थे चढ़ा, तो अफसरों को भी उसकी बातों पर यकीन करना मुश्किल हो गया। पता चला कि 69 वर्षीय इस शख्स ने कभी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया ही नहीं। इतना ही नहीं, वहां सभी वाहनों को कुछ-कुछ समय पर परीक्षण कराना होता है, ताकि यह पता चल सके कि वाहन की स्थिति ठीक है। यह शख्स वहां भी लोगों को धोखा देता रहा।
पुलिस ने इसकी कहानी शेयर की
ट्विटर पर पुलिस ने इसकी कहानी शेयर की है और बताया कि कार को सीज कर लिया गया है। इस शख्स ने कभी भी कोई टेस्ट पास नहीं किया। इंश्योरेंस कंपनियों को भी धोखा देता रहा। उन्हें बकायदा पूरी जानकारी मुहैया करा रहा था। इंश्योरेंस कंपनियों को यह कहकर बरगलाता रहा कि उसके पास पूरे समय का लाइसेंस है। मजेदार बात ये है कि बीमा कंपनी भी उसकी बात को सच मानकर गाड़ी का इंश्योरेस जारी करती रही। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर यह व्यक्ति इतने सालों तक पुलिस को कैसे चकमा देता रहा।
ट्रैफिक पुलिस की नजरों से बचता रहा
मोटर इंश्योरर्स ब्यूरो के पॉल फार्ले ने कहा, आखिरकार यह शख्स दबोच लिया गया। वह आज भी पकड़ा नहीं जाता। मगर उससे थोड़ी चूक हो गई और कार हादसे का शिकार हो गई। अब हम पूरा वसूली करेंगे और उसे उसके कर्मों की सजा जरूर दिलाएंगे। इस ट्वीट पर मिलीजुली प्रतिक्रिया आई। कुछ लोगों ने पुलिस पर ही सवाल उठा दिया कि आखिर आप इतने सतर्क थे तो यह शख्स 50 साल तक यूं ही बचने में कामयाब कैसे रहा। यह सिस्टम के लिए ठीक नहीं।अफसोस की बात है कि यह अन्य लोगों को प्रेरित करेगा।
Sources : News18 हिंदी