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“चारधाम यात्रा 2025: श्रद्धालुओं की जुबानी व्यवस्थाओं की प्रशंसा”

देहरादून  :  देवभूमि उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा इस वर्ष असाधारण रूप से सफल और सुव्यवस्थित रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा को सुगम, सुरक्षित और यादगार बनाने के लिए अभूतपूर्व प्रयास किए हैं, जिनके परिणामस्वरूप देशभर से आए श्रद्धालु सरकार की व्यवस्थाओं से अत्यंत प्रसन्न नजर आ रहे हैं।

केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री — इन चारों धामों में सफाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और परिवहन व्यवस्थाओं का स्तर इस बार पहले से कहीं अधिक सशक्त और अनुशासित दिखा। जगह-जगह लगाए गए स्वास्थ्य शिविर, पेयजल स्टॉल, साफ-सुथरे शौचालय, सहायता केंद्र, और चौकसी कर रही पुलिस व प्रशासन की टीमों ने श्रद्धालुओं का दिल जीत लिया।

श्रद्धालुओं के अनुभव:

इंदौर से आए रघुनन्दन व्यास ने यमुनोत्री यात्रा के बाद अपनी खुशी साझा करते हुए कहा, “मैं पहली बार देवभूमि आया हूं और टैक्सी स्टैंड से सात किलोमीटर की चढ़ाई पर सरकार की व्यवस्थाओं ने मुझे चकित कर दिया। यात्रा मार्ग में जगह-जगह स्वास्थ्य शिविर, पुलिस की चौकसी और साफ-सफाई देख कर मन प्रसन्न हो गया। पूरे देश में शायद ही इतनी बेहतरीन व्यवस्था कहीं देखने को मिले।”

इंदौर की ऊषा जी ने स्वास्थ्य सेवाओं की प्रशंसा करते हुए कहा, “अगर किसी श्रद्धालु को थोड़ी भी अस्वस्थता होती है, तो तुरंत स्वास्थ्यकर्मी उपचार के लिए पहुंच जाते हैं। यह व्यवस्था देखकर हम उत्तराखण्ड सरकार का धन्यवाद करते हैं।”

दिल्ली से आए मुकेश कुमार जी ने गंगोत्री में मिले अनुभव को साझा करते हुए कहा, “यहां मंदिर परिसर में बिना धक्का-मुक्की के दर्शन संभव हो रहे हैं। पेयजल, शौचालय और अन्य सुविधाओं की उम्दा व्यवस्था है। यात्रा के हर पड़ाव पर संतुष्टि का अनुभव हो रहा है।”

गाजियाबाद के आकाश गुप्ता, जो केदारनाथ पहुंचे, ने भी सरकार और प्रशासन की तारीफ करते हुए कहा, “बाबा के शानदार दर्शन हुए और चारों तरफ साफ-सफाई तथा व्यवस्था देखकर दिल खुश हो गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पूरी टीम का धन्यवाद करता हूं।”

मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि चारधाम यात्रा हर श्रद्धालु के लिए श्रद्धा, सुविधा और सुरक्षा का अद्वितीय अनुभव बने। शासन और प्रशासन यात्रा के प्रत्येक पहलू पर सतत निगरानी और सुधार कर रहे हैं ताकि यह पवित्र यात्रा सभी के लिए यादगार और सुगम बनी रहे।”

धामी सरकार ने डिजिटल माध्यमों के ज़रिए पंजीकरण, हेल्पलाइन, यात्रा अपडेट और मौसम अलर्ट की सुविधाएं भी मुहैया कराईं, जिससे यात्रियों को यात्रा की योजना बनाने और कठिन परिस्थितियों में मदद मिलती रही। स्थानीय पुलिस, ITBP, स्वास्थ्य विभाग, और प्रशासन के कर्मचारियों की टीमों ने पूरी निष्ठा से 24 घंटे सेवाएं दीं।

यात्रा में नए बदलाव

इस वर्ष कई बदलाव देखने को मिले — जैसे ड्रोन से निगरानी, रूट पर सीसीटीवी कैमरे, ई-रिक्शा सेवाएं, और विशेष रूप से महिलाओं और बुजुर्गों के लिए सहायता केंद्र। इसके अलावा, प्रशासन ने पर्यावरण संरक्षण का भी विशेष ध्यान रखा, जिससे कचरे का निस्तारण और प्लास्टिक पर नियंत्रण संभव हो सका।

भविष्य की योजनाएं

सरकार का कहना है कि आगे आने वाले वर्षों में चारधाम यात्रा को और अधिक पर्यावरण-अनुकूल और हाईटेक बनाने की योजना है। यात्री सुविधाओं को बढ़ाने, डिजिटल सेवाओं को और सरल बनाने तथा आपातकालीन सेवाओं की पहुंच को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा इस बार केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि व्यवस्था, सेवा और तकनीक का अद्भुत संगम बनकर सामने आई है। श्रद्धालु न केवल आस्था से परिपूर्ण होकर लौट रहे हैं, बल्कि एक ऐसे राज्य की छवि लेकर जा रहे हैं जो अपने अतिथियों की सेवा में समर्पित है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी सरकार ने एक मिसाल कायम की है, जिससे आने वाले वर्षों की यात्राओं के लिए अपेक्षाएं और ऊंची हो गई हैं।

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