अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी को ब्रेन हेमरेज,लखनऊ PGI में भर्ती
लखनऊ: अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पता चला है कि उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ है और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। तबीयत बिगड़ने के बाद दास को हाई ब्लड प्रेशर के कारण तुरंत शाम 7 बजे के आसपास अयोध्या के श्री राम अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए पहले ट्रॉमा सेंटर और फिर लखनऊ के सिटी न्यूरो केयर अस्पताल में रेफर किया गया। सीटी स्कैन के बाद पता चला कि उनके शरीर में करीब 17 जगहों पर खून का थक्का जम गया है और उन्हें गंभीर ब्रेन हैमरेज हुआ है।
अयोध्या के न्यूरो सेंटर के चिकित्सक डॉ0 अरुण कुमार सिंह ने बताया कि आचार्य दास को गंभीर हालत में लाया गया था। प्रारंभिक उपचार के बाद उनकी हालत गंभीर होने के कारण उन्हें आगे की देखभाल के लिए लखनऊ रेफर कर दिया गया। लखनऊ के पीजीआई ने बताया कि उनकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। पीजीआई ने जो हेल्थ बुलेटिन जारी किया है उसके मुताबिक उनकी हालत बहुत गंभीर है।
मौजूदा समय में उन्हें न्यूरोलॉजी वार्ड एचडीयू में भर्ती किया गया हैं और विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में इलाज चल रहा है। वह मधुमेह और उच्च रक्तचाप से ग्रस्त हैं। उनकी हालत गंभीर है। वे फिलहाल स्थिर हैं। दास अप्रैल 1992 में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी बने। वह 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद तम्बू में राम लला की पूजा करने में सक्रिय रूप से शामिल थे। जब राम लला को तम्बू से हटाया गया था 2020 में अस्थायी मंदिर में, आचार्य दास मुख्य पुजारी के रूप में काम करते रहे।
वर्तमान में, वह अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी हैं। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में एक कार्यक्रम में अयोध्या मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। वाराणसी के वरिष्ठ विद्वानों में गिने जाने वाले दीक्षित महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के मूल निवासी थे लेकिन उनका परिवार कई पीढ़ियों से वाराणसी में रह रहा है। अक्टूबर 2024 में भी उनकी तबीयत खराब हो गई थी और तब उन्हें संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) में भर्ती कराया गया था। पीजीआई के न्यूरोलॉजी वार्ड के प्राइवेट रूम में डॉ0 प्रकाश चंद्र पांडे की देखरेख में आचार्य दास का इलाज किया गयां, संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान ने उस वक्त भी बताया था कि आचार्य को किसी न्यूरोलॉजिकल समस्या का संदेह है।