Fri. Nov 22nd, 2024

सांप का खून पीते हैं चीनी लोग,जहर से क्यों नहीं होती मौत?क्या कहता है विज्ञान

अजब-गजब : दुनिया के सबसे जहरीले जानवरों में सांप शामिल हैं। किंग कोबरा, करैत या धरती पर कई ऐसे जहरीले सांप हैं, जिनके काटने से इंसान की कुछ मिनट में ही मौत हो सकती है। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया के कई इलांकों में लोग सांप का खून पीते हैं। इसके साथ ही नसे के लिए सांप से शरीर पर कटवाते हैं। सबसे हैरानी वाली बात यह है कि कई दवाओं में भी सांप के जहर का इस्तेमाल किया जाता है। दुनिया के कई देशों में लोग सांप का खून क्यों पीते हैं?

चीन, वियतनाम, हॉन्गकॉन्ग और इंडोनेशिया में स्नेक वाइन काफी प्रसिद्ध है। चीनी मानते हैं कि सांप के खून में ऐसी चीज होती है, जिससे यौन क्षमता बढ़ती है। इसके साथ ही त्वचा के लिए भी अच्छी होती है और जवान रखती है। सदियों से सांप से त्वचा रोग का इलाज होता रहै जिसका इतिहास पुराना है।

100 ईसा पहले इसका जिक्र मिलता है। इंडोनेशिया में त्वचा की गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए सांप की त्वचा का लेप की तरह इस्तेमाल होता था। वहां पर सेना के खाने में सांप का खून शामिल हैं। सैनिकों को सांप का खून और मांस दिया जाता है।

दुनिया की कई जनजातियों में दशकों से सांप का खून पीने की परंपरा चल रही है। लैटिन अमेरिका और दुनिया के कुछ इलाकों में रहने वाली जनजातियां सांप के खून को बहादुरी से जोड़कर देखती हैं। ऐसा माना जाता है कि दो जितना खून पीता है वह अधिक बहादुर और ताकतवर होता है।

न्यू साइंटिस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सांप के खून में फैटी एसिड्स जैसी कई तरह की चीजें पाई जाती है। यह हृदय के लिए अच्छी मानी जाती हैं। वैज्ञानिकों ने सांप के ब्लड प्लाजमा को चूहे में ट्रांसफर किया, तो पाया कि पहले के मुकाबले उनका हृदय अच्छे तरीके से काम कर रहा था। लेकिन प्लाजमा ट्रांसफर का तरीका इंसानों पर भी कारगर है, यह कहा नहीं जा सकता है।

सांप का खून पीने से क्यों नहीं होती मौत?

सांप का खून पीने से लोगों की मौत नहीं होती है, जिसकी वजह यह है कि सांप के खून में जहर नहीं होता है। शरीर के एक विशेष हिस्से में सांप जहर को इकट्ठा करते हैं, जिसे ग्रंथि कहा जाता है, जो खून को जहर से अलग रखती है। इसीलिए सांप के काटते वक्त उसकी ग्रंथि उसके दांतों के जरिए जहर को बाहर निकाल देती है और काटने वाले के खून में जहर पहुंच जाता है।

 

Sources:AjabGajab AmarUjala

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *