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अतिक्रमण पर हो रही कार्रवाई से सीएम धामी नहीं हैं संतुष्ट

देहरादून: भले ही देवभूमि में अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही हो लेकिन इस कार्रवाई से मुख्यमंत्री धामी खुश नजर नहीं आ रहे है। उत्तराखण्ड में वन क्षेत्रों में अतिक्रमण के खिलाफ की जा रही कार्रवाई से मुख्यमंत्री संतुष्ट नहीं हैं, वन विभाग के आला अधिकारियों को इसमें तेजी लानी होगी। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक ने अधीनस्थों को इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए। वन प्रभागवार प्रत्येक दिन अतिक्रमण पर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी।

देहरादून स्थित वन मुख्यालय के सभागार में प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक ने मंगलवार को महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। जिसमें उन्होंने अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई की प्रगति पर नाराजगी जताई और वन विभाग के पश्चिमी वृत्त के पांच प्रभागीय वन अधिकारियों को तलब किया। उन्होंने कहा कि वन विभाग की कार्रवाई बेहद सुस्त गति से चल रही है, जिस पर मुख्यमंत्री ने भी असंतोष जताया है।
बैठक में सीएम धामी ने मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं प्रसन्न कुमार पात्रो,अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी डा0 पराग मधुकर धकाते और वन संरक्षक दीपचंद आर्य को अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। प्रमुख वन संरक्षक ने वन गुर्जरों के विस्थापन को लेकर उठाए जा रहे कदमों की भी जानकारी ली।

उन्होंने इस पर कड़ी नाराजगी जताई कि वन क्षेत्रों में कब्जा कर खेती व अन्य कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को तलब करते हुए शीघ्र वन भूमि को कब्जा मुक्त कराने के निर्देश दिए। नदी श्रेणी की वन भूमि पर अवैध कब्जे और खनन नदियों के किनारे अवैध रूप से बसे लोगों को चिह्नित कर हटाने पर भी जोर दिया। इस बारे में वन निगम के अधिकारियों को भी निर्देशित करने को कहा। प्रमुख वन संरक्षक ने वक्फ बोर्ड की ओर से वन भूमि को अपनी भूमि बताने के मामले में भौतिक परीक्षण कर स्थिति स्पष्ट करने और वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण करने पर वक्फ बोर्ड के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कोर्ट में चल रहे प्रकरणों का नियमित रूप से अनुश्रवण कर निस्तारण कराने के निर्देश दिए। अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत प्रतिदिन रिपोर्ट वन मुख्यालय भेजने को भी कहा और साप्ताहिक समीक्षा बैठक करने के भी निर्देश दिए। अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत अगली समीक्षा बैठक राजाजी पार्क और शिवालिक वृत्त के अधिकारियों के साथ की जाएगी। नोडल अधिकारी डा0 पराग मधुकर धकाते ने बताया कि अभियान के तहत अब तक 2508 एकड़ वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया है। अवैध रूप से बने धार्मिक स्थलों को लगभग पूरी तरह हटा दिया गया है। वन विभाग की ओर से नदियों के किनारे अभियान जारी है। साथ ही राजमार्गों के आसपास की वन भूमि से भी कब्जे हटाये जा रहे हैं।

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