जन सरोकारों का नही, आवंटित आवास खाली कराने पर रोष है कांग्रेस का अभियान: नवीन ठाकुर
देहरादून : भाजपा ने कांग्रेस के “मेरा घर राहुल का घर” मुहिम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि युवराज के अहं की तुष्टि के चलते घर की चिंता मे डूबे कांग्रेसी ओबीसी समुदाय के अपमान को भी भूल गए।पार्टी प्रदेश प्रवक्ता नवीन ठाकुर ने तंज किया कि जिस आवास को राहुल ने खाली करना है वह उन्हे व्यवस्था के तहत एक सांसद के तौर पर आवंटित है और अस्थायी है, लेकिन उन्हे घर मुहैया करने का दावा करने वाले कांग्रेस नेता भी जहाँ से अभियान शुरू कर रहे है वह भी आवंटित और जनता के हैं।नवीन ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस कोअन्य पिछड़ा समाज के लोगों के अपमान की चिंता नही है जिस पर न्यायालय ने उनके युवराज को सजा दी है । अब इसी सजा से गयी सदस्यता के चलते संवैधानिक प्रक्रिया के तहत उन्हें आवास खाली करना है ।
कांग्रेसियों को उनके अस्थायी सरकारी आवास के जाने का दुख है लेकिन देश के ओबीसी समाज के करोड़ों लोगों को चोर बताकर किये गए स्थायी अपमान पर पश्चाताप के लिए उनके पास शब्द नही है । उन्होंने कांग्रेस के अभियान को भाजपा के पूर्व के जनसरोकार के अभियान से उपजे शब्दों की नकल बताते हुए कहा कि भाजपा के “मै भी चौकीदार” एवं महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा के “आम्ही सारे सावरकर” की नकल में कांग्रेस ने मेरा घर राहुल का घर अभियान शुरू किया है । कांग्रेसियों के अभियान पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा व समर्थित पार्टियों के अभियान जन भावनाओं को प्रदर्शित करते हैं जबकि उनका अभियान संवैधानिक प्रक्रिया के तहत सरकारी आवास खाली करने को लेकर है ।
उस पर सबसे अधिक हास्यस्पद है कि जिन आवासों पर खड़े होकर उनके प्रदेश व अन्य नेता मेरा घर राहुल का घर के पोस्टर लगाकर मीडिया व सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं उनमें कई तो सरकारी आवास है जो उनके नही हैं और एक व्यवस्था के तहत उन्हें यह आवास उपलब्ध कराए गए हैं। ये किसी व्यक्ति विशेष के घर नही बल्कि आम जनता के घर हैं । उन्होंने कहा, कांग्रेस का इस तरह का कोई भी आंदोलन सफल नही होने वाला क्योंकि यह केवल व्यक्ति विशेष के अहंकार की तुष्टि के लिए किया जा रहा है । प्रदेश व देश की जनता कांग्रेस की इन पैंतरों से बखूबी परिचित है और उनके झांसे में नही आने वाली है। ठाकुर ने
जय भारत सत्याग्रह पर कहा कि कांग्रेस के सभी अभियान दुराग्रहपूर्ण और राजनीति से प्रेरित रहे है और इसी कारण वह कब शुरू और कब समाप्त होते हैं इसका पता नही लग पाता है।