जोशीमठ में पुनर्वास के लिए प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाने का काम जोरों पर
जोशीमठ : मोसम साफ होने के चलते आज मंगलवार को फिर से दोनों होटलों का ध्वस्तीकरण शुरू कर दिया गया। वहीं, सिंहधार वार्ड में जहां कल नई दरारें आई थीं उन मकानों को भी चिन्हित किया गया है। आपको बता दें कि पुनर्वास की मांग पर स्थानीय लोगों का धरना आज मंगलवार को भी जारी रहा। आपदा प्रभावित सिंहधार,मनोहरबाग,गांधीनगर क्षेत्र की महिलाओं ने तहसील परिसर में धरना दिया। महिलाओं का कहना है कि सरकार की ओर से पुनर्वास मामले में अनावश्यक देरी की जा रही है।
राहत शिविरों में अधिक समय तक नहीं रहा जा सकता है। बच्चों के साथ शिविरों में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भू.धंसाव से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए ढाक और उद्यान विभाग की भूमि पर प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाने का काम जोरों पर है। टीपीसी तिराहे पर उद्यान विभाग की भूमि पर तीन और ढाक में 15 प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाए जा रहे हैं। उद्यान विभाग की भूमि पर एकए दो और तीन कमरों के प्री.फैब्रिकेटेड घर बनाए जा रहे हैं। यहां घरों को बनाने का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है।उद्यान विभाग की भूमि पर 18 जनवरी से प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाने का काम शुरू हो गया था जबकि ढाक गांव में 26 जनवरी से केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के तकनीकी सहयोग से 15 घर बनाए जा रहे हैं।
आरडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता ने बताया कि उद्यान विभाग की जमीन पर बनाए जा रहे घरों का निर्माण अब अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि प्री-फैब्रिकेटेड घरों के निर्माण के लिए जो पैनल बनाए जा रहे हैं उसे डिमांड के आधार पर बनाया जाता है,जिसके कारण हटों के निर्माण में देरी हो रही है। जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा कर दिया जाएगा। कल सिंहधार वार्ड में पांच नए भवनों पर दरारें आईं प्रशासन ने यह दरारें चिन्हित की हैं जबकि कई अन्य मकानों में दरारें बढ़ी हैं। रविवार तक दरारों वाले मकानों की संख्या 863 थीं जो सोमवार को बढ़कर 868 हो गई हैं। भू.धंसाव से सिंहधार,गांधीनगर,मनोहर बाग और रविग्राम वार्ड अधिक प्रभावित हुआ है। सिंहधार व गांधीनगर में 156 तथा मनोहर बाग में 131 व रविग्राम में 161 भवनों में दरारें आई हैं।
जबकि प्रशासन की ओर से अभी तक 243 परिवारों के 878 सदस्यों को किराए के भवनों व राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है।भू.धंसाव से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोशीमठ का भवन भी सुरक्षित नहीं रहा है। यहां मुख्य भवन के फर्श,आंगन और ओपीडी कक्ष में दरारें बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग इसका उपयोग बंद कर चुका है। इसको देखते हुए सीबीआरआई ने स्वास्थ्य विभाग को उद्यान विभाग की 300 नाली भूमि पर फिलहाल 12 बेड के प्री-फैब्रिकेटेड भवन बनाने का सुझाव दिया है। जिला प्रशासन की स्वीकृति मिलने पर यहां अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।सीएचसी जोशीमठ के मुख्य भवन में पिछले डेढ़ साल से दरारें आ रही हैं।
अब धीरे-धीरे यह दरारें बढ़ रही हैं। खतरे को देखते हुए 10 जनवरी से स्वास्थ्य विभाग मुख्य भवन से इमरजेंसी और ओपीडी का संचालन बंद कर भवन का उपयोग बंद कर चुका है। ओपीडी और इमरजेंसी का संचालन फिलहाल वार्डों में किया जा रहा है। डिप्टी सीएमओ डॉ0एमएस खाती ने बताया कि प्रशासन को स्वास्थ्य विभाग की ओर से उद्यान विभाग की 300 नाली भूमि पर प्री-फैब्रिकेटेड अस्पताल बनाने का प्रपोजल दे दिया है। यहां पहले चरण में 12 बेड का अस्पताल का निर्माण किया जाएगा अस्पताल के मुख्य भवन के अलावा वार्ड रूम में दरारें नहीं हैं।