औली में शीतकालीन खेलों के आयोजन पर मंडरा रहा संकट
चमोली: जोशीमठ भू.-धंसाव आपदा के होने के चलते ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार औली शीतकालीन खेलों के आयोजन पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं। आपको बता दें कि औली की ढलानों पर अगले माह से शीतकालीन खेलों के आयोजन की कम संभावना है। इसकी वजह जोशीमठ आपदा और बर्फबारी का न होना भी है। हालांकि पर्यटन विभाग ने फरवरी के पहले सप्ताह में प्रस्तावित नेशनल स्कीइंग चैंपयनशिप के आयोजन को लेकर उम्मीदें नहीं छोड़ी है।
गौरतलब है कि कोविड महामारी के दो साल बाद औली में राष्ट्रीय स्तर की शीतकालीन खेलों के आयोजन की तैयारियां चल रही है। दो से पांच फरवरी तक औली की ढलानों में नेशनल स्कीइंग चैंपियनशिप प्रस्तावित है। अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग महासंघ ने रेसिंग स्कीइंग प्रतियोगिता की स्वीकृति दी थी, जिसमें पुरूष और महिलाओं की संयुक्त स्लैलम रेस का आयोजन किया जाना है।जैसा कि आपको मालूम ही है कि औली में शीतकालीन खेलों का आयोजन पर्यटन विभाग, गढ़वाल मंडल विकास निगम, आईटीबीपी,स्कीइंग एंड स्नो बोर्ड एसोसिएशन आफ उत्तराखंड के सहयोग से किया जाना है। इसमें उत्तराखंड समेत दिल्ली,हिमाचल प्रदेश,जम्मू कश्मीर समेत अन्य राज्यों की कुल 16 टीमों के 200 खिलाड़ियों के भाग लेने की संभावना है।
लेकिन जो मौजूदा हालात बने हैं उसे देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्तमान में जोशीमठ भू.धंसाव के कारण उत्पन्न हुई स्थिति और औली में बर्फबारी न होने के कारण शीतकालीन खेलों के आयोजन की संभावनाएं कम है। हालांकि पर्यटन विभाग ने जोशीमठ आपदा के कारण शीतकालीन खेलों का आयोजन हो सकते हैं या नहीं इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है।कमेटी जोशीमठ क्षेत्र का दौरा कर रिपोर्ट विभाग को देगी,जिसके बाद ही खेलों के आयोजन पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे का कहना है कि औली में शीतकालीन खेलों को रद्द करने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। विभाग की ओर से फरवरी पहले सप्ताह में प्रस्तावित खेलों के लिए तैयारी चल रही है और समिति की रिपोर्ट के बाद ही विंटर गेम पर फैसला लिया जाएगा।