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चक्रवात ‘मोंथा’ :नेल्लोर, काकीनाडा और विशाखापत्तनम में लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित

चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले के नरसापुर के पास तट से गुजरने के बाद बुधवार सुबह विजयवाड़ा सहित कई इलाकों में तेज हवाएं और भारी बारिश हुई। शहर में कई पेड़ उखड़ गए और सड़कों पर पानी भर गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि तट पार करने के बाद चक्रवात उत्तर-पश्चिम दिशा में 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ा और धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगा। विभाग ने कहा कि यह अगले छह घंटे तक प्रचंड अवस्था में रहेगा और उसके बाद गहरे दबाव के क्षेत्र में बदल जाएगा।

आईएमडी के अनुसार, चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ ने 28 अक्टूबर की रात 11:30 बजे से 29 अक्टूबर की रात 12:30 बजे के बीच आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र को पार किया। यह प्रक्रिया करीब पांच घंटे तक चली, जो मंगलवार शाम 7:30 बजे शुरू हुई और रात 12:30 बजे पूरी हुई। देर रात 2:30 बजे तक इसका केंद्र विशाखापत्तनम से 230 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में था।

राज्य के विभिन्न जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई। मछलीपट्टनम में 5.2 मिमी, नरसापुर में 9.8 मिमी, तुनी में 15.6 मिमी, काकीनाडा में 5.7 मिमी और विशाखापत्तनम में 0.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई। नेल्लोर जिले में पिछले 36 घंटों से लगातार बारिश हो रही है और पिछले 24 घंटों में औसतन पांच सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने अगले 12 घंटों तक भारी वर्षा जारी रहने की संभावना जताई है।

तूफान के कारण आंध्र प्रदेश में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। कोनासीमा जिले के मकानगुडेम गांव में तेज हवाओं से एक पेड़ गिरने से एक महिला की मौत हो गई। विशाखापत्तनम हवाई अड्डे पर 32, विजयवाड़ा में 16 और तिरुपति में चार उड़ानें रद्द कर दी गईं। दक्षिण मध्य रेलवे क्षेत्र में सोमवार और मंगलवार को कुल 120 ट्रेनें रद्द की गईं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने राहत और बचाव कार्यों के लिए 45 टीमें तैनात की हैं।

पड़ोसी राज्य ओडिशा में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बताया कि राज्य के आठ दक्षिणी जिलों में 2,000 से अधिक आपदा राहत केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें 11,396 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि देवमाली और महेंद्रगिरि जैसे पर्यटन स्थलों में प्रवेश पर रोक लगाई गई है और समुद्र तटों पर लोगों के जाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। एहतियातन नौ जिलों में स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र 30 अक्टूबर तक बंद कर दिए गए हैं।

पूर्वी तट रेलवे ने वाल्टेयर क्षेत्र और उससे जुड़े मार्गों पर कुछ ट्रेनों को रद्द करने, उनके मार्ग बदलने और अस्थायी रूप से रोकने की घोषणा की है। राज्य सरकार ने मछुआरों को 29 अक्टूबर तक समुद्र में न जाने की चेतावनी दी है। आईएमडी के ताजा बुलेटिन के अनुसार, तट पार करने के बाद ‘मोंथा’ कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है।

चक्रवात के प्रभाव से आंध्र प्रदेश में 38,000 हेक्टेयर में खड़ी फसलें और 1.38 लाख हेक्टेयर में बागवानी फसलें नष्ट हो गई हैं। राज्य के कई इलाकों में बिजली और संचार व्यवस्था बाधित रही, जबकि राहत दल लगातार प्रभावित इलाकों में पहुंचकर सहायता कार्यों में जुटे हुए हैं।

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