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यूपी और उत्तराखंड के बीच दर्रारीट बॉर्डर बंद,अब 45 किमी घूमकर आना पड़ेगा विकासनगर

देहरादून / विकासनगर: दिल्ली.यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर पड़ने वाली उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के ग्राम तिमली की सीमा पर स्थित दर्रारीट बॉर्डर पर आज बृहस्पतिवार से यातायात पूर्णतः बंद कर दिया गया है। सहारनपुर जनपद प्रशासन के दिशा-निर्देशन में उपजिलाधिकारी बेहट व सहारनपुर के पुलिस अधीक्षक यातायात की ओर से इस संबंध में बॉर्डर पर सूचना चस्पा करा दी गई है। बताते चलें कि सहारनपुर प्रशासन ने यह निर्णय दर्रारीट बॉर्डर पर बन रहे उत्तर प्रदेश के स्वागतद्वार के पिलरों पर लिंटर डालने के लिए लिया गया है।सहारनपुर प्रशासन ने कस्बा बेहट के पास स्थित ग्राम गंदेवड़ से हरियाणा के हथिनीकुंड होते हुए यातायात को हिमाचल प्रदेश के पांवटा भेजने का डायवर्जन प्लान बनाया है जिसके तहत पांवटा साहिब से यातायात उत्तराखंड के कुल्हाल बॉर्डर से पछवादून में प्रवेश करेगा। इससे वाहनों को दो अतिरिक्त राज्यों व पचास किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा।

सहारनपुर से संचालित होने वाली  सहारनपुर.विकासनगर,सहारनपुर-बड़कोट,सहारनपुर-त्यूनी व सहारनपुर-चकराता बस सेवा के संचालन के लिए ऑपरेटर्स यूनियन के पदाधिकारियों ने दर्रा बॉर्डर के दोनों किनारों से बसों का संचालन करने की रणनीति बनाई है। जिसमें सहरानपुर से बसें बॉर्डर तक आएंगी और यात्री पैदल बॉर्डर को पार करके उत्तराखंड की सीमा में मौजूद दूसरी बसों से अपने गंतव्यों को जाएंगी। बस यूनियन के प्रभारी मुनीर अहमद ने बताया कि बस यूनियन में 136 बसें प्रतिदिन आवागमन करती हैं।दर्रारीट बॉर्डर उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से होकर गुजरने वाले दिल्ली-यमनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। इस मार्ग से भारी संख्या में तीर्थ यात्री यमुनोत्री जाते हैं। मार्ग बंद होने से यात्रियों को मुसीबत उठानी पड़ेगी।

पछवादून का विकासनगर जौनसार बावर से लेकर टिहरी के नैनबाग, उत्तरकाशी के बड़कोट, हिमाचल के सीमावर्ती क्षेत्रों व यमुनोत्री तक का मुख्य बाजार माना जाता है। विकासनगर में किराना से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामान, हार्डवेयर, टैक्सटाइल, बिल्डिंग मटीरियल आदि दैनिक आवश्यकताओं का सामान सहारनपुर से ही आता है। मार्ग बंद होने से पूरे क्षेत्र की सप्लाई चेन टूट जाती है। फिलहाल सहारनपुर से आने वाले सामान के लिए व्यापारियों को एक रुपये प्रति किलो का भाड़ा देना पड़ता है। लेकिन डायवर्जन प्लान के मुताबिक कमर्शियल वाहनों के संचालन से दो-दो अतिरिक्त राज्यों के सेल्स टैक्स, आरटीओ टैक्स व डीजल खर्च बढ़ जाएगा। जिसके परिणामस्वरूप ये भाड़ा दो गुना हो जाएगा। जिसकी मार कहीं न कहीं ग्राहक पर पड़ेगी। क्षेत्र के सब्जी व फल उत्पादकों को होगा नुकसान पछवादून से लेकर जौनसार बावर व नैनबाग, बड़कोट आदि क्षेत्रों में फल व सब्जी का उत्पादन करने वाले किसान प्रतिदिन अपने उत्पादों को लेकर सहारनपुर व दिल्ली मंडियों में बेचने के लिए ले जाते हैं। मार्ग बंद होने से उन्हें अपने उत्पादों को औने-पौने दाम में विकासनगर में ही बेचना पड़ेगा।

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