Tue. Apr 22nd, 2025

विधानसभा भर्ती घोटाले में धामी सरकार दोषीः आप

देहरादून। आप प्रवक्ता रविंद्र सिंह आनंद ने कहा कि उत्तराखंड के बहुचर्चित विधानसभा भर्ती घोटाले में भाजपा हाइकोर्ट के डबल बेंच के फैसले के बाद भले ही अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन इस भर्ती घोटाले में केवल विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा सचिवालय के अधिकारी लिप्त होंगे ऐसा नहीं है। हकीकत में विधानसभा भर्ती घोटाले में वर्तमान मुख्यमंत्री की सहमति भी दिखायी दे रही है।
आजकल सोशल मीडिया पर जोर शोर से मुख्यमंत्री सचिवालय की एक फ़ाइल का एक पन्ना प्रसारित हो रहा है, जिसमें एक टिप्पणी में कहा गया है कि नई विधानसभा के गठन से पूर्व गैरसैंण में विधानसभा के कार्यों को सुचारू रूप से संचालन किए जाने एवं समयाभाव के कारण सीधी भर्ती न किये जाने के दृष्टिगत अध्यक्ष विधानसभा द्वारा विशेष परिस्थितियों में नई विधानसभा के गठन हेतु पूर्व तैयारियों हेतु कामचलाऊ व्यवस्था के अंतर्गत नितांत अस्थायी रूप से की गई तदर्थ नियुक्तियां विषयक विधानसभा द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव विचलन के माध्यम से अनुमोदित।
इस टिप्पणी पर हमारे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हस्ताक्षर कर स्वीकृति प्रदान की गई है। इस तरह से नितांत अस्थाई रूप से की गई विधानसभा की इन नियुक्तियों पर केवल विधानसभा अध्यक्ष नहीं बल्कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने भी अपनी लिखित सहमति देकर के गलत तरीके से विधानसभा सभा की भर्ती प्रक्रिया को स्वीकार किया। यही कारण है कि जिन को नौकरी दी गई उनके खिलाफ कोर्ट में सिंगल बेंच के बाद डबल बेंच और जरूरत पड़ेगी तो सरकार सुप्रीम कोर्ट जा करके उनको नौकरी से बाहर निकालेगी, लेकिन जिन लोगों ने गलत तरीके से नौकरी दी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी। यह नियुक्तियां पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल के दौरान की गई। इससे पहले भी गैरसैंण के नाम पर कांग्रेस सरकार में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल जी के कार्यकाल में नियुक्तियां की गई। जिस गैरसैंण में विधानसभा सत्र चलना नहीं है, जिस गैरसैंण में अस्थाई या स्थाई राजधानी रहनी नहीं है, उस गैरसैंण के नाम पर विधान सभा सचिवालय में की गई भर्तियां एक बहुत बड़ा घोटाला है। राज्य की वर्तमान भाजपा सरकार घोटाले की कारक है। आम आदमी पार्टी राज्य सरकार को उत्तराखंड की जनता के सामने इस भ्रष्टाचार में उसकी भूमिका के लिए बेनकाब करेगी तथा तब तक लड़ती रहेगी जब तक गलत तरीके से भर्ती करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है।

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