धामी सरकार ने पेश किया 89.230 करोड़ रुपये का बजट
देहरादून : धामी सरकार ने 89230.07 हजार करोड़ का बजट पेश किया। उत्तराखंड की विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 24 वर्ष में आज पहली बार प्रदेश सरकार मंगलवार को भोजनावकाश से पहले 12.30 बजे विधानसभा में बजट पेश किया है। वित्त और संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया, सरकार ने नई परंपरा शुरू की है।आपको बता दें कि अभी तक विधानसभा के पटल पर भोजनवकाश के बाद शाम चार बजे बजट पेश करने की परंपरा रही है, लेकिन इस बार यह परंपरा टूट गई। सत्र की शुरुआत प्रश्नकाल से हुई। इसके बाद पुष्कर सरकार ने पटल पर वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट रखा। इसके बाद राज्यपाल के बजट अभिभाषण पर चर्चा शुरू हो जाएगी। बजट का आकार 89230.07 हजार करोड़ रुपये है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले
पेश किए गए धामी सरकार के बजट के खास मायने हैं।
बजट में युवा शक्ति के लिए खास
डिग्री कॉलेज सरकारी में शैक्षिक गुणवत्ता को 10 करोड़
एनईपी के तहत चल रही अनुसन्धान योजना को 2 करोड़
आरटीई के तहत 94 हजार से ज्यादा बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही।
खटीमा में निशुल्क कोचिंग सेंटर
सरकारी विद्यालयों में आईसीटी लैब
विज्ञान के केंद्र चंपावत को तीन करोड़
उदीयमान खिलाड़ी को छात्रवृत्ति के तहत 10 करोड़
राष्ट्रीय खेलों के लिए 250 करोड़
राज्य व राष्ट्रीय युवा महोत्सव को 10 करोड़
प्रशिक्षण शिविर को 5 करोड़
खेलो इंडिया के लिए दो करोड़
पिथौरागढ़ स्पोर्ट्स कॉलेज भवन को दो करोड़
निशुल्क गैस रिफिल 1,83,419 अंत्योदय कार्ड धारकों को साल में तीन सिलिंडर के लिए 54 करोड़
पीएम आवास योजना ग्रमीण को 390 करोड़
आंदोलकारियों के कल्याण व कोर्प्स फंड को 44 करोड़
खाद्यान्न योजना को 20 करोड़
विभिन्न विभागों की योजनाओं में सब्सिडी के लिए 679 करोड़ 34 लाख
बजट में जानें क्या मिली सौगात
धामी सरकार ने 89230.07 हजार करोड़ का बजट पेश किया। राजस्व के लिए लेखे का व्यय 55815.077 करोड़ और पूंजीगत लेखे का व्यय 33414.30 करोड़ रहा। राजस्व घाटा अभी अनुमानित नहीं है।
सभी जिलों में हवाई संपर्क
असुरक्षित पुलों से छुटकारा
सरकारी विद्यालयों में आवश्यक फर्नीचर की उपलब्धि
सभी जिलों में स्वरोजगार केंद्रों की स्थापना
जनपद मुख्यालयों में ऑडिटोरियम और संस्कृति केंद्रों की स्थापना
सभी जिला मुख्यालयों में स्टेडियम
प्रदेश से बाहर छात्रों को शैक्षिक भ्रमण
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, सरकार जेंडर बजट के साथ राज्य के समग्र विकास पर आधारित बजट लेकर आई है। सरकार का बजट सशक्त उत्तराखंड पर केंद्रित है। प्रदेश सरकार 2025 तक उत्तराखंड को देश के सबसे अग्रणी राज्यों में शामिल कराने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर सरकार बजटीय प्रावधान और नई योजनाओं का स्वरूप निर्धारित करेगी।
सदन में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बजट पेश करते हुये कहा कि प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड में विकास की संभावनाओं का नियंत्रित दोहन करते हुए राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने का रोडमैप तैयार किया है। इस रोडमैप के तहत सरकार को पर्यटन, उद्यान, आयुष, सेवा, उद्योग, अवस्थापना विकास, तीर्थांटन और नई टाउनशिप के क्षेत्र में चरणबद्ध ढंग से कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को जमीन पर उतारना है।
वहीं राज्यपाल द्वारा दिए गए अभिभाषण को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि बजट सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण प्रदेश सरकार के विजन का रोडमैप होता है।
लेकिन अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है। पुराने संकल्पों को दोहराया गया है। अभिभाषण पूरी तरह से निराशाजनक है। आर्य ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण प्रदेश सरकार का एक दस्तावेज होता है। प्रदेश की जनता को उम्मीद होती है कि सरकार अभिभाषण में राज्य के विकास को लेकर अपना विजन रखेगी। लेकिन इसमें नया कुछ नहीं है। पिछले वर्ष सरकार ने जो संकल्प लिए थे। उन्हीं को दोहराया गया है। इससे जाहिर होता है कि प्रदेश सरकार किस दिशा में काम कर रही है।वहीं बजट सत्र गैरसैंण में न कराए जाने से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधायकों, पूर्व मंत्रियों व कार्यकर्ताओं के साथ गांधी पार्क में एक घंटे का मौन उपवास किया।
उन्होंने कहा कि सत्र को गैरसैंण में न कर भाजपा राज्य निर्माण भावना का अपमान कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बजट सत्र को गैरसैंण में करने का निर्णय विधानसभा के संकल्प के रूप में लिया गया था। लेकिन, भाजपा की सरकार ने बजट सत्र वहां न कर उत्तराखंड की जनता और राज्य निर्माण की भावना का अपमान किया है। साथ ही यह उत्तराखंड के शहीदों का भी अपमान है।उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने विधानसभा भवन सहित कई आधारभूत ढांचे का निर्माण भी वहां किया था।