भूकंप ने नेपाल में मचाई तबाही, अब तक प्राकृतिक आपदा से 154 लोगों की मौत
एक बार फिर से तेज भूकंप ने नेपाल को हिलाकर रख दिया है। देर रात आये तेज भूकंप ने पश्चिमी नेपाल के सुदूर पर्वतीय क्षेत्र में जमकर हलचल मचाई। आधी रात को आए 6.4 तीव्रता वाले भूकंप के तेज झटकों के कारण कम से कम 154 लोगों की मौत हो गई कई अन्य लोग घायल हो गए।राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार,भूकंप आधी रात 11 बजकर 47 मिनट पर आया, जिसका केंद्र जाजरकोट जिले में था। भूकंप का असर काठमांडू, इसके आसपास के जिलों और यहां तक कि पड़ोसी देश भारत की राजधानी नयी दिल्ली तक महसूस किया गया। सरकारी ‘नेपाल टेलीविजन’ के अनुसार, पश्चिमी नेपाल के जाजरकोट और रुकुम जिले भूकंप के कारण सबसे अधिक प्रभावित हुए।
गृह मंत्रालय ने बताया कि दोनों जिलों में 154 लोगों की मौत हो गई और 140 अन्य लोग घायल हो गए। अभी तक यह पता नहीं लग पाया है कि भूकंप के कारण कितने मकान क्षतिग्रस्त हुए। मृतक संख्या बढ़ने की आशंका है।अधिकारियों ने बताया कि नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ शनिवार सुबह एक चिकित्सकीय दल के साथ घटना स्थल रवाना हुए। उन्होंने बताया कि नेपाल सेना और नेपाल पुलिस को बचाव कार्य में लगाया गया है। देश की तीनों सुरक्षा एजेंसियों. नेपाल सेना, नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल को बचाव कार्य में लगाया गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहलने शुक्रवार रात को आए भूकंप में जान-माल का नुकसान होने पर गहरा शोक प्रकट किया है। उन्होंने तत्काल राहत एवं बचाव के लिए तीनों सुरक्षा निकायों को तैनात किया है।’’ अधिकारियों ने बताया कि घायलों का सुरखेत जिला अस्पताल में इलाज जारी है।प्रधानमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों को बचाव और राहत कार्य तुरंत करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने बताया कि सड़कें अवरुद्ध होने और पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण घटना स्थल पर बचाव और राहत कार्य बाधित हो गया है। भूकंप के बाद जाजरकोट में चार से अधिक तीव्रता वाले भूकंप बाद के कम से कम चार झटके और आए। नेपाल में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। दरअसल नेपाल उस पर्वत श्रृंखला पर स्थित है जहां तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेट मिलती हैं और ये हर सदी एक.दूसरे के तकरीबन दो मीटर पास खिसकती हैं जिसक परिणामस्वरूप दबाव उत्पन्न होता है और भूकंप आते हैं। नेपाल में 2015 में 7ण्8 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आए झटकों के कारण लगभग 9,000 लोगों की मौत हो गई थी।