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हर 6 महीने में दूसरे देश के कब्ज़े में आ जाता है आइलैंड ! 350 सालों से जारी है सिलसिला

अजब-गजब: दुनिया एक से बढ़कर एक अजीबोगरीब चीज़ों से भरी पड़ी है. कई बार ऐसा होता है कि कुदरत ही हमें अनोखे नज़ारे दिखा देती है तो कई बार ऐसा भी होता है कि हम इंसान ही कुछ अजब-गजब घटनाएं कर जाते हैं. ऐसी ही एक बिल्कुल अलग किस्म के समझौते के बारे में हम आज आपको बताएंगे, जिसने एक द्वीप को चर्चित बना दिया है.

जहां दुनिया में एक-एक इंच ज़मीन पर युद्ध हो जाते हैं, वहीं एक ऐसा भी द्वीप या फिर आइलैंड हैं, जो हर 6 महीने में किसी और देश के नक्शे में आ जाता है. बिना किसी झगड़े या बवाल के आधे साल के बाद ये आइलैंड अगले देश के कब्जे में आ जाता है और ये सिलसिला सदियों से चल रहा है.
इस दुनिया में तमाम तरह के द्वीप हैं, लेकिन शायद ही आप इस द्वीप के बारे में जानते हैं, जिसपर एक साथ दो देशों का कब्जा है?

हर 6 महीने में बदल जाता है आइलैंड का देश

धरती पर छोटे-बड़े कई सारे द्वीप यानिआइलैंड हैं, जो अपनी लोकेशन, खूबसूरती या फिर कुछ खास नियमों की वजह से मशहूर हैं. हालांकि कुछ द्वीप वीरान भी होते हैं, जहां कोई नहीं रहता. हालांकि हम आज आपको एक ऐसे द्वीप के बारे में बताने जा रहे हैं, जो राजनैतिक और भौगोलिक तौर पर अनोखा है. इस द्वीप का नाम है फीजैंट द्वीप है, जिसे फैसेंस आइलैंड के नाम से भी जाना जाता है. ये दुनिया का इकलौता ऐसा द्वीप है, जो एक साथ दो देशों के कब्जे में है और दोनों ही देश 6-6 महीने तक इसपर राज करते हैं. The Tim Traveller नाम के यूट्यूब चैनल पर इसके बारे में पूरी जानकारी दी जा चुकी है-

किन दो देशों का रहता है कब्ज़ा ?

जिन देशों के बीच ये द्वीप है- वो फ्रांस और स्पेन के बीच है. आपको जानकर हैरानी होगी कि दोनों देश आइलैंड को लेकर 350 साल पहले ही रज़ामंद हुए हैं. साल 1659 में फ्रांस और स्पेन दोनों देशों के बीच इस द्वीप की अदला-बदली को लेकर एक शांति समझौता हुआ है, जिसे पाइनीस की संधि के नाम से जाना जाता है. हालांकि दोनों देशों में इसे लेकर काफी लड़ाई भी हो चुकी है. संधि के बाद 200 मीटर लंबे और 40 मीटर चौड़े इस द्वीप पर 1 अगस्त से लेकर 31 जनवरी तक फ्रांस का कब्ज़ा रहता है तो एक फरवरी से 31 जुलाई तक यह स्पेन के अधिकार में रहता है.

 

Sources: News18 हिंदी

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