वित्त आयोग का देहरादून दौरा: उत्तराखंड ने रखी ग्रीन बोनस और विशेष सहायता की मांग

देहरादून : उत्तराखंड की वित्तीय जरूरतों को लेकर महत्वपूर्ण माने जा रहे 16वें वित्त आयोग की टीम रविवार को देहरादून पहुंच गई। आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में पहुंचे इस उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में स्वागत एवं अभिनंदन किया। सोमवार को मुख्यमंत्री और आयोग के बीच महत्वपूर्ण बैठक प्रस्तावित है, जिसमें राज्य सरकार की ओर से अनुदान व विशेष वित्तीय सहायता को लेकर विस्तृत प्रस्ताव रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने आयोग के प्रतिनिधियों को राज्य की भौगोलिक, पर्यावरणीय और आर्थिक परिस्थितियों से अवगत कराया और अपेक्षा जताई कि उत्तराखंड को केंद्र से न्यायोचित और विशेष सहायता मिलेगी।
आयोग की टीम का भव्य स्वागत
जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचने पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने आयोग अध्यक्ष डॉ. पनगढ़िया और प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। होटल हयात रीजेंसी, ओल्ड मसूरी रोड पर टीम का पारंपरिक ढोल-दमाऊ की थाप पर भव्य स्वागत हुआ।
आयोग के प्रतिनिधिमंडल में सदस्य एनी जॉर्ज मैथ्यू, मनोज पांडा, सौम्या कांतिघोष, सचिव ऋत्विक पांडेय, संयुक्त सचिव केके मिश्रा और संयुक्त निदेशक पी. अमरूथावर्षिनी शामिल हैं।
राज्य की प्रमुख मांगें
राज्य सरकार आयोग के समक्ष निम्नलिखित बिंदुओं पर अपनी विशेष अपेक्षाएं रखेगी:
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राजस्व घाटा अनुदान
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ग्रीन बोनस (पर्यावरणीय संरक्षण में योगदान को देखते हुए)
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केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाना
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राज्य को विशेष वित्तीय सहायता
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बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना
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केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में लचीलापन और अधिक सहयोग
सोमवार दोपहर बाद आयोग की टीम नगर निकायों, पंचायत प्रतिनिधियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेगी। इन बैठकों के निष्कर्ष वित्त आयोग की सिफारिशों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिनके आधार पर केंद्र से मिलने वाली सहायता तय की जाएगी।
राज्य शासन स्तर पर आयोग की बैठक के लिए सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। सभी विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप प्रस्ताव और प्रस्तुतिकरण आयोग के समक्ष रखें।
निष्कर्ष
उत्तराखंड सरकार को 16वें वित्त आयोग से बड़ी उम्मीदें हैं। विशेष राज्य की श्रेणी में आने वाले उत्तराखंड को ग्रीन बोनस और विशेष सहायता जैसे मुद्दों पर सकारात्मक निर्णय की आशा है। अब निगाहें आयोग की सिफारिशों पर टिकी हैं, जिनका राज्य के आगामी बजट और विकास योजनाओं पर सीधा असर पड़ेगा।