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दिल्ली के वसंत विहार में रैन बसेरे में आग, सुरक्षा व्यवस्था पर प्रशासनिक लापरवाही के सवाल

दिल्ली : दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के वसंत विहार क्षेत्र में रविवार देर रात एक रैन बसेरे में लगी भीषण आग ने दो लोगों की जान ले ली। यह दर्दनाक हादसा रात करीब 3 बजकर 28 मिनट पर हुआ, जब रैन बसेरे में लोग गहरी नींद में थे। आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की चार गाड़ियाँ मौके पर पहुँचीं और बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन आग की लपटों में झुलसे अर्जुन (18) और विकास (42) को अस्पताल ले जाने के बावजूद बचाया नहीं जा सका। दोनों को मृत घोषित कर दिया गया।

घटना के समय रैन बसेरा ‘एसपीवाईएम’ नामक एनजीओ द्वारा संचालित किया जा रहा था और वहाँ सात लोग मौजूद थे। पुलिस और दमकल कर्मियों की त्वरित कार्रवाई से पाँच लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। पुलिस के अनुसार वसंत विहार थाना देर रात सवा तीन बजे सूचना मिलते ही हरकत में आ गया और घटनास्थल पर पहुंची टीम ने राहत कार्यों का समन्वय किया। आसपास के क्षेत्र में दहशत फैल गई क्योंकि आग तेजी से फैलती चली गई।

रैन बसेरे में आग किस कारण लगी, इसका अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन शुरुआती जांच में लापरवाही और अव्यवस्थित व्यवस्था की आशंका जताई जा रही है। घटना के बाद पुलिस ने बीएनएस की धारा 287 और 106 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दोनों शव अत्यधिक झुलसी अवस्था में बरामद किए गए, जिन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

स्थानीय लोगों के अनुसार आग इतनी तेजी से फैली कि लोगों को बाहर निकलने का पर्याप्त समय नहीं मिला। इलाके के निवासी अमरजीत ने बताया कि रात करीब तीन बजे तेज धमाके जैसी आवाज सुनकर वह जागे और बाहर निकलते ही आग की लपटें दिखाई दीं। उन्होंने और अन्य लोगों ने भीतर फंसे लोगों को निकालने की भरसक कोशिश की, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। संकरी गलियाँ और धुएँ भरे माहौल के कारण बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण था।

स्थानीय लोगों ने इस हादसे के लिए रैन बसेरे की संरचना और अंदर खड़ी मोटरसाइकिल को जिम्मेदार बताया। कुली कैंप क्षेत्र के अध्यक्ष मुन्ना लाल ने दावा किया कि मोटरसाइकिल मुख्य प्रवेश और निकास मार्ग पर खड़ी थी, जिससे लोगों के बाहर निकलने का रास्ता अवरुद्ध हो गया। उनका कहना है कि जैसे ही आग मोटरसाइकिल के पेट्रोल टैंक तक पहुँची, उसमें विस्फोट हो गया और स्थिति और अधिक भयावह हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि केयरटेकर वहां मौजूद था लेकिन उसने समय रहते किसी को सूचना नहीं दी और स्वयं भाग निकला।

घटना ने प्रशासनिक लापरवाही और रैन बसेरों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि ऐसे सामाजिक आश्रयों में अग्निसुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम किए जाएँ ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियाँ दोबारा न हों। पुलिस और दमकल विभाग आग के कारणों एवं संभावित लापरवाही की गहन जांच कर रहे हैं तथा रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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