सेलाकुई दवा फैक्टरी में LPG गैस रिसाव से लगी आग, 11 कर्मचारी झुलसे
देहरादून: औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुई की फार्मा सिटी स्थित हब फार्मास्यूटिकल एंड रिसर्च सेंटर की फैक्टरी में एलपीजी गैस के रिसाव से आग का गुबार फैल गया। सिलिंडरों ने भी आग पकड़ ली। इस दौरान फैक्टरी में कार्य कर रहे 11 कर्मचारी आग की चपेट में आ गए। कर्मचारियों में भगदड़ मच गई। सूचना पर घटनास्थल पर पहुंचे अग्निशमनकर्मियों ने आग से झुलसे कर्मचारियों को फैक्टरी से बाहर निकालकर धूलकोट स्थित एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचाया। चार की हालत गंभीर होने के चलते उन्हें दून अस्पताल रेफर कर दिया गया। एक कर्मचारी करीब 95 फीसदी तक झुलस गया है।
अग्निशमन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, हब फार्मास्यूटिकल एंड रिसर्च सेंटर की फैक्टरी दवा बनाने के लिए एलपीजी के प्यूरीफिकेशन एंड चेंबर सेक्शन और मैनिफोल्ड सिस्टम से गैस की आपूर्ति दी जाती है। बुधवार दोपहर करीब दो बजे सिस्टम में लीकेज होने से आग का गुबार उठा। फैक्टरी में काम कर रहे 11 कर्मचारी आग के गुबार की चपेट में आकर झुलस गए। वहीं, सिलिंडरों ने भी आग पकड़ ली। इस बीच कर्मचारियों में बाहर निकलने के लिए भगदड़ मच गई। सूचना पर अग्निशन अधिकारी, सेलाकुई ईसम सिंह और थाना प्रभारी सेलाकुई टीम के साथ मौके पर पहुंचे। अनिग्शमन विभाग की टीम ने कर्मचारियों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला।
करीब डेढ़ तक चले अभियान के बाद अग्निशमनकर्मी आग को बुझाने में कामयाब रहे। तीन अग्निशमन वाहनों से आग बुझाई गई। अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि 11 लोग आग की चपेट में आकर झुलसे हैं। सभी को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया। रुद्रप्रयाग निवासी सौरभ सिंह पुत्र मंगल सिंह, हरबर्टपुर निवासी नितिन कुमार पुत्र मिठ्ठू लाल, विकासनगर निवासी प्रवीण कुमार पुत्र मिठ्ठू लाल और शंकरपुर निवासी विशाल पुत्र राजकुमार गंभीर घायल है। नितिन कुमार 95 फीसदी झुलस गए हैं। अन्य 60 फीसदी तक झुलसे हुए है। बताया कि चारों को निजी अस्पताल से दून अस्पताल रेफर कर दिया गया है। बताया कि नितिन कुमार की हालत गंभीर बनी हुई है। फैक्टरी के महाप्रबंधक संजय गुप्ता ने बताया कि घायलों को अस्पताल में समुचित उपचार मुहैया करवाया जा रहा है।
वहीं, सूचना पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी फैक्टरी में जांच के लिए पहुंचे। फैक्टरी में आग लगने के साथ अग्नि सुरक्षा उपरकरणों की जांच भी की जा रही है। फैक्टरी में जिस जगह आग लगी वहां पर एलपीजी गैस के 45 बड़े और आठ छोटे सिलिंडर लगे थे। वहीं, पास ही स्टोर में एलपीजी गैस के 60 सिलिंडर थे। अगर, कई सिलिंडर आग पकड़ लेते और समय पर आग नहीं बुझाई गई होती तो और भी बड़ा हादसा हो सकता था। सूचना पर सहसपुर विधायक सहदेव सिंह पुंडीर घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने अग्निशमकर्मियों से आग लगने के कारण और रेस्क्यू अभियान की जानकारी ली। उन्होंने घायलों को समुचित उपचार मुहैया करवाने के लिए फैक्टरी प्रबंधन के अधिकारियों, निजी अस्पताल और दून अस्पताल के अधिकारियों से वार्ता की।