खाद्य सुरक्षा विभाग की रेड, केमिकल से बना 1 क्विंटल नकली पनीर पकड़ा

रूड़की: खाद्य सुरक्षा विभाग की क्यूआर (क्विक रिस्पोंस) टीम ने मंगलौर-देवबंद मार्ग पर स्थित एक फैक्टरी पर छापा मारकर केमिकल से बना एक क्विंटल तैयार नकली पनीर बरामद किया है। इसके अलावा रिफाइंड, केमिकल व उपकरण भी मौके से मिले हैं। नकली पनीर के नमूने लेने के बाद उसे नष्ट करा दिया गया है। वहीं केमिकल और रिफाइंड को जब्त किया गया है। पनीर, केमिकल, रिफाइंड आदि के सैंपल जांच को भेजे जा रहे हैं। फैक्टरी को सील कर दिया गया है। खाद्य सुरक्षा विभाग को सूचना मिल रही थी कि मंगलौर क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहीं कुछ फैक्टरियों पर नकली पनीर तैयार किया जा रहा है। यहां से रोजाना भारी मात्रा में पनीर तैयार अन्य शहरों के प्रतिष्ठानों में सप्लाई किया जाता है। खाद्य सुरक्षा की क्यूआर टीम ने वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी योगेंद्र पाण्डेय व दिलीप जैन के नेतृत्व में मंगलौर-देवबंद मार्ग पर एक फैक्टरी पर छापा मारा।
टीम को मौके पर फैक्टरी का मालिक बाबर नहीं मिला। सिर्फ चार कर्मचारी मौजूद थे। निरीक्षण में पनीर निर्माण स्थल पर खाली पेंट के एक डिब्बे में लगभग एक हजार एमएल केमिकल और चार टीनों में खुला रिफाइंड मिला। इनसे पनीर बनाया जा रहा था। स्वच्छता एवं स्वास्थ्य संबंधी प्रावधानों का पालन भी नहीं कराया जा रहा था। वहीं फूड लाइसेंस के बिना पनीर बनाया जा रहा था। मौके पर पनीर, रिफाइंड और केमिकल का एक-एक नमूना जांच के लिए लिया गया। एक डीप फ्रिजर में लगभग एक क्विंटल पनीर रखा हुआ मिला। जिसे रिफाइंड तेल और केमिकल से बनाने पर गड्ढा खुदवाकर मौके पर ही नष्ट करा दिया गया। रिफाइंड तेल और केमिकल को भी नष्ट करा दिया गया। टीम ने पुलिस की मौजूदगी में फैक्टरी को सील कर दिया है। फैक्टरी स्वामी बाबर के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
मौके पर आवश्यक दस्तावेज, पानी की रिपोर्ट, फूड टेस्ट रिपोर्ट, वर्करों के मेडिकल आदि नहीं दिए गए। ऐसे में फैक्टरी स्वामी को नोटिस देकर स्पष्टीकरण तलब किया गया है।मंगलौर-देवबंद मार्ग पर खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने जिस नकली पनीर फैक्टरी का भंडाफोड़ किया है। उसकी सबसे अधिक सप्लाई देहरादून में हो रही थी। फैक्टरी में काम करने वाले एक कर्मचारी रजत कुमार ने टीम को बताया कि सुबह ही दो क्विंटल पनीर देहरादून की नेहरू कॉलोनी स्थित गोपाल डेयरी पर सप्लाई किया गया है। इसके अलावा हरिद्वार व रुड़की में भी पनीर की सप्लाई हो रही थी। संयुक्त आयुक्त ने देहरादून की खाद्य सुरक्षा की टीम को कार्रवाई के निर्देश दिए। पनीर बनाने की फैक्टरी के पास कोई फूड लाइसेंस नहीं था। लोगों की माने तो कई सालों से यह संचालित हो रही थी, फैक्टरी में केवल कर्मचारी ही आ जा सकते थे। पनीर के नाम बनाया जा रहा जहर डेयरी, होटल व रेस्टोरेंट आदि पर डेढ़ सौ रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेचा जा रहा था। जबकि पनीर 300 रुपये से 350 रुपये किलोग्राम के हिसाब से मिलता है। पनीर दूध को फाड़कर बनाया जाता है, लेकिन जिस पनीर फैक्टरी में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने छापा मारा। वहां दूध का नामोनिशान तक नहीं था। पूरा पनीर केवल और केवल केमिकल से ही तैयार हो रहा था।