Sun. Sep 21st, 2025

जेन-जेड आंदोलनकारियों ने कार्की के नाम पर जताई सहमति

नेपाल की राजनीतिक अस्थिरता के बीच घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं और अब देश की पहली महिला प्रधानमंत्री नियुक्त होने की संभावना प्रबल हो गई है। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल शुक्रवार को पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त कर सकते हैं। गुरुवार आधी रात तक चली बैठकों में सरकार विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले जेन-जेड समूह के प्रतिनिधियों, सेना प्रमुख और अन्य हितधारकों के बीच कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। इसके बावजूद जेन-जेड समूह ने प्रधानमंत्री पद के लिए सुशीला कार्की के नाम का औपचारिक प्रस्ताव रख दिया है।

शुक्रवार दोपहर 2 बजे काठमांडू स्थित सेना मुख्यालय में एक अहम बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में राष्ट्रपति, सेना प्रमुख और देश के कुछ शीर्ष कानूनी विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे और अंतरिम प्रधानमंत्री के नाम पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, सुशीला कार्की भी इस बैठक में शामिल होंगी। यदि संविधान के अनुरूप प्रक्रिया पूरी की जाती है तो राष्ट्रपति और सेना प्रमुख दोनों ही उन्हें पहली पसंद मानते हैं।

इन घटनाक्रमों के बीच राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल विभिन्न राजनीतिक दलों और संवैधानिक विशेषज्ञों से लगातार विचार-विमर्श कर रहे हैं। नई सरकार बनाने के लिए दो विकल्पों पर चर्चा हुई—पहला संसद को भंग कर दिया जाए और दूसरा उसे बरकरार रखते हुए अंतरिम सरकार बनाई जाए। हालांकि, आंदोलनकारी जेन-जेड समूह संवैधानिक ढाँचे के भीतर ही समाधान निकालने पर सहमत हो गया है, जिससे संकेत मिलता है कि संसद बरकरार रह सकती है।

देशभर में जारी विरोध प्रदर्शनों और सुरक्षा हालात को देखते हुए काठमांडू में लागू नाइट कर्फ्यू में आंशिक ढील दी गई है। अब सुबह 7 बजे से 11 बजे तक लोगों को बाहर निकलने की अनुमति दी गई है ताकि वे अपनी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। इसके बाद सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक प्रतिबंधात्मक आदेश लागू रहेगा और फिर शाम 7 बजे से अगले दिन सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू जारी रहेगा।

नेपाल की मौजूदा स्थिति तब बिगड़ी जब प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। उन पर भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने जैसे गंभीर आरोप लगे थे। सोमवार को हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने ओली के कार्यालय में घुसकर उनके इस्तीफे की मांग की। दबाव बढ़ने के बाद ओली ने इस्तीफा दे दिया और सोमवार रात सोशल मीडिया पर लगाया गया प्रतिबंध भी हटा लिया गया।

इस पूरे राजनीतिक संकट के बीच, सुशीला कार्की का नाम सामने आना नेपाल के लोकतांत्रिक इतिहास में एक अहम मोड़ माना जा रहा है। अगर उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाता है तो यह न केवल एक ऐतिहासिक कदम होगा बल्कि नेपाल की महिलाओं के लिए भी एक नई मिसाल पेश करेगा।

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