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स्कूल में शौचालय न होने से छात्रायें परेशान,पानी की भी किल्लत

अल्मोड़ा: सुधार के लाखों दावों के बावजूद सरकारी विद्यालय बुरे दौर से गुजर रहे हैं। बदहाल व्यवस्थाओं का आलम ये हैं कि विद्यालयों में शौचालय और पीने के लिए पानी तक की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में विद्यार्थी और शिक्षक खुले में शौच के लिए जाते हैं तो वहीं छात्रायें घर से पानी ढोकर प्यास बुझाने के लिए मजबूर हैं। सबसे अधिक दिक्कत बेटियों को होती है।

अल्मोड़ा जिले में 50 सरकारी विद्यालय ऐसे हैं जहां अब तक शौचालयों का निर्माण नहीं हुआ है और 123 विद्यालयों में पेयजल कनेक्शन ही नहीं लग सके हैं। हाईकोर्ट ने सरकार का जवाब-तलब कर स्कूलों में पानी और शौचालय के न होने को बच्चों के अधिकारों का हनन बताया है। सरकार से ऐसे विद्यालयों के बारे में बताने को भी कहा है जहां पानी और शौचालय सुविधा नहीं है।

अल्मोड़ा जिले के स्कूलों की पड़ताल की गई तो बेहद चिंताजनक तस्वीर सामने आई। यह जिला सरकारी कागजों में खुले में शौचमुक्त है। बावजूद इसके सरकारी विद्यालय इसे हवाई साबित कर रहे हैं।123 विद्यालयों में पेयजल कनेक्शन नहीं होने से विद्यार्थियों और शिक्षकों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है।

इनमें पढ़ने वाले 20 हजार से अधिक विद्यार्थी और शिक्षक घर से बोतल में पानी ढोकर अपनी जरूरत पूरी करने की मजबूरी से गुजर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि सफाई के लिए पानी न होने से शौचालय उपलब्ध होने के बाद भी इनका उपयोग करना मुश्किल हो रहा है। इन सब के बीच हर घर नल से जल पहुंचाने की योजना की सफलता के साथ ही जिले के खुले में शौचमुक्त होने के दावे किए जा रहे हैं।

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