Tue. Mar 11th, 2025

मणिपुर घटना पर सरकार चर्चा को तैयार: राजनाथ सिंह

संसद का मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है। हालांकि,आज दूसरे दिन भी जबरदस्त तरीके से हंगामा देखने को मिला। लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12रू15 पर दिन भर के लिए स्थगित हो गई। वहीं राज्यसभा में भी हो हंगामा जारी रहा। विपक्षी दल लगातार हिंसा को लेकर चर्चा की मांग कर रहे हैं। इन सबके बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा बयान दिया है। राजनाथ सिंह ने कहा है कि सरकार तमाम मसलों पर चर्चा के लिए तैयार है। हालांकि, विपक्ष को संसद चलने देना चाहिए। दूसरी ओर विपक्षी दलों के भी अपने दावे हैं।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे लगता है कि चर्चा के प्रति विपक्ष गंभीर नहीं है क्योंकि सरकार तो चाहती है कि मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि जिस प्रकार की घटना हुई है उससे पूरा राष्ट्र शर्मसार हुआ है और उन्होंने मामले में कठोर कार्रवाई करने के लिए भी कहा है।

लोकसभा में मणिपुर के विषय पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सरकार का पक्ष रखते हुए सदन के उप नेता सिंह ने यह भी कहा कि कुछ राजनीतिक दल ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं कि सदन में मणिपुर के विषय पर चर्चा नहीं हो। सिंह ने कहा, मैं देख रहा हूं कि कुछ राजनीतिक दल ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं कि जिससे चर्चा नहीं हो। मैं स्पष्ट रूप से यह आरोप लगाना चाहता हूं कि मणिपुर की घटना पर जितना गंभीर होना चाहिए, विपक्ष उतना गंभीर नहीं है।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पीएम मोदी ने मणिपुर के बारे में सदन के बाहर बयान दिया जबकि उन्हें सदन के अंदर पहले बयान देना था फिर बाहर दे सकते थे लेकिन उन्होंने पहले ही बाहर बयान दे दिया।

जब सदन चल रहा है तो सभी नेता अपने सदस्यों को पहले बयान दे फिर बाहर दे क्योंकि ये हमारी ड्यूटी होती है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने इस पर अपनी विफलता दिखाई। मणिपुर के सीएम को बर्खास्त जरूर करना चाहिए। लोकसभा में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मणिपुर की घटना की चर्चा देश और दुनिया के हर कोने में हो रहा है इसलिए हमने पीएम मोदी और सत्तारूढ़ पार्टी से सदन में इस घटना पर चर्चा करने का अनुरोध किया था लेकिन हमें ये देखने को मिलता है कि सदन की शुरुआत में ही पीएम मोदी ने इस घटना पर सदन के बाहर बयान दिया। ये सदन के अंदर बोलते तो हैं कि वे चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन हम सदन के अंदर क्या बोलना चाहते हैं वे हमें ये मौका नहीं देते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *