ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी ने उड़ाया राष्ट्रपति को ले जाने वाला राफेल विमान
हरियाणा : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन से राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय राष्ट्रपति बन गईं। इस उड़ान के दौरान राफेल विमान को भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी ने उड़ाया, जो 17वीं स्क्वाड्रन “गोल्डन एरोज़” के कमांडिंग ऑफिसर भी हैं। राष्ट्रपति मुर्मू के इस विशेष उड़ान मिशन के दौरान वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने भी एक अन्य विमान में उड़ान भरकर उन्हें एस्कॉर्ट किया।
राष्ट्रपति भवन की ओर से मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि “भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हरियाणा के अंबाला जाएँगी, जहाँ वह राफेल विमान में उड़ान भरेंगी।” इस उड़ान को भारतीय वायुसेना और राष्ट्रपति कार्यालय, दोनों के लिए गौरव का क्षण बताया गया। यह उड़ान न केवल एक प्रतीकात्मक घटना थी, बल्कि इससे भारतीय वायुसेना की अत्याधुनिक क्षमताओं और राफेल विमानों की ताकत को भी प्रदर्शित किया गया।
राफेल विमान हाल ही में 22 अप्रैल को हुए ऑपरेशन सिंदूर में प्रमुख भूमिका निभा चुके हैं। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था, जिसमें भारतीय वायुसेना ने राफेल जैसे अत्याधुनिक विमानों का प्रयोग करते हुए लक्ष्यों को सटीकता से भेदा था। इस अभियान ने भारत की हवाई शक्ति और तेज़ प्रतिक्रिया क्षमता को विश्व पटल पर फिर से सिद्ध किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यह उड़ान भारतीय राष्ट्रपतियों के इतिहास में एक और उल्लेखनीय अध्याय जोड़ती है। इससे पहले, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने भी लड़ाकू विमानों में उड़ान भरी थी। डॉ. कलाम ने 8 जून 2006 को पुणे के लोहेगांव वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरी थी, जबकि प्रतिभा पाटिल ने 25 नवंबर 2009 को यही अनुभव प्राप्त किया था। स्वयं राष्ट्रपति मुर्मू ने भी 8 अप्रैल 2023 को असम के तेज़पुर वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरकर भारत की तीसरी राष्ट्रपति के रूप में इस सम्मान को प्राप्त किया था।
राफेल विमानों की बात करें तो ये फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान हैं, जिन्हें भारतीय वायुसेना ने 2016 के समझौते के तहत खरीदा था। यह विमान मेटियोर एयर-टू-एयर मिसाइल, स्कैल्प क्रूज़ मिसाइल और उन्नत रडार प्रणालियों जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से लैस हैं। इन विमानों की तैनाती ने भारत की रक्षा क्षमता को नई ऊँचाई दी है, विशेषकर हवाई श्रेष्ठता और ज़मीनी हमलों के मामलों में।
राफेल विमानों की तकनीकी क्षमता और भारत की वायुसेना की दक्षता का संगम देश की सुरक्षा को और मज़बूत करता है। राष्ट्रपति मुर्मू की यह उड़ान न केवल भारतीय नारी शक्ति और नेतृत्व का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारत का सर्वोच्च संवैधानिक पद राष्ट्र की सुरक्षा और सशस्त्र बलों के साथ समान रूप से जुड़ा हुआ है।