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गुजरात: गूगल मैप पर करते थे सर्च,फिर देते थे चोरी को अंजाम, गैंग का पर्दाफाश

गुजरात के सूरत में दो चोरों की एक ऐसी गैंग पकड़ी गई है, जो सिर्फ स्कूल-कॉलेजों को निशाना बनाकर चोरी की वारदात को अंजाम देती थी। चोरी के लिए ठिकानों की तलाश करने के लिए यह गैंग गूगल मैप का इस्तेमाल करती थी। एक बार ठिकाना तय हो जाने के बाद गैंग को चोर उसके आस-पास छुपकर रात होने का इंतजार करते थे। रात होने पर वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते थे।

गिरफ्तार किए गए दोनों चोर तमिलनाडु राज्य की सेलम गैंग के सदस्य हैं। दोनों चोरी करने के लिए हाथो में ग्लव्स और मुंह बर मंकी पहनते थे। पकड़े गए चोरों का नाम पलनीस्वामी उर्फ अन्ना कउंदर और परमशिवम उर्फ तंबी है। दोनों से पूछताछ के बाद 18 चोरियों का खुलासा हुआ है। पुलिस को उनके पास से चोरी में इस्तेमाल किए जाने वाले औजार भी मिले हैं।

लंबे समय से थी तलाश

सूरत पुलिस लंबे समय से इनकी तलाश कर रही थी। सूरत क्राइम ब्रांच के सब इंस्पेक्टर महिडा को इनके सूरत में आने की खबर मिली थी। सूचना मिलने के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने सूरत शहर के सिंगनपुर हरिदर्शन का खाडा इलाके में छापेमारी की थी, जहां यह लोग आकर ठहरे हुए थे।

दोनों सेलम के रहने वाले

दोनों तमिलनाडु राज्य के सेलम जिले के रहने वाले हैं। गिरफ्तारी के बाद दोनों के पास से मंकी कैप, पेंचकस और प्लास भी मिले हैं। इसकी मदद से ही दोनों स्कूल-कॉलेज के दरवाजों को खोलकर चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे। इनके पास से पुलिस ने 1 लाख 22 हजार रुपए भी जब्त किए हैं।

CCTV फुटेज लगे थे हाथ

सूरत पुलिस के हाथ शहर के स्कूलों में चोरी की वारदात को अंजाम देती इस गैंग के सीसीटीवी फुटेज भी लगे थे। इन सीसीटीवी फुटेज में नजर आया था कि तमिलनाडु की गैंग किस तरह से स्कूल-कॉलेज के ऑफिसों में चोरियां करते हैं।

क्राइम ब्रांच को मिला था टास्क

सूरत क्राइम ब्रांच के पुलिस इंस्पेक्टर ललित वाघडिया ने बताया कि सूरत शहर के स्कूल और कॉलेजों में हो रही चोरी की वारदातों को सुलझाने के लिए पुलिस कमिश्नर अजय कुमार तोमर ने सूरत क्राइम ब्रांच को स्पेशल टास्क दिया था। इस टास्क के तहत क्राइम ब्रांच के सब इंस्पेक्टर महिडा वर्कआउट कर रहे थे, तभी इन चोरों के बारे में उन्हें जानकारी मिली।

DPS और रेडिएंट स्कूल में की चोरी

दोनों की गिरफ्तारी से सूरत शहर और सूरत डिस्टिक सहित गुजरात की 18 अन डिटेक्ट चोरियां डिटेक्ट की गई है। इसके अलावा और भी चोरी की वारदातों के डिटेक्ट होने की संभावना है। तमिलनाडु की इस गैंग की मोड्स ऑपरेंडी यह थी कि है यह गूगल के जरिए स्कूल और कॉलेज को सर्च करते थे और सर्च करने के बाद उन लोकेशन पर पहुंचते थे। इसके बाद दोनों स्कूल कॉलेज के आसपास की जगहों पर छिप जाते थे और रात को चोरी करके सुबह वहां से फरार हो जाते थे। दोनों ने सूरत शहर के बड़े-बड़े स्कूल और कॉलेज में वारदातों को अंजाम दिया है, जिसमें डीपीएस और रेडिएंट स्कूल भी शामिल है।

Sources:aajTak

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